दिल्ली : हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) की मान्यता रद्द करने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 'आप' ने सरकारी धन का इस्तेमाल करके गणेश चतुर्थी का प्रचार किया जो एक धर्मनिरपेक्ष देश के संविधान के विरुद्ध है।
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने स्पष्ट किया कि वह केंद्र, दिल्ली सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस भेज रही है, ना कि मुख्यमंत्री और राज्य के अन्य मंत्रियों को। वकील ने उक्त पक्षों से निर्देश प्राप्त करने और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए आठ नवंबर की तारीख तय की।
याचिकाकर्ता और वकील एम.एल. शर्मा ने कहा कि वह 'आप' की एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता समाप्त करने तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं अन्य मंत्रियों को संवैधानिक पद से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि कथित रूप से जानबूझकर संविधान और जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन किया गया है।