नई दिल्ली: सरकार वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर सकती है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जिन पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। उनके मामलों की जांच फिर से कराई जाएगी। एसआईटी उन मामलों की जांच करेगी जो पुलिस ने बंद कर दिए थे या फिर जो मामले अभी अदालत में आए ही नहीं। एसआईटी के गठन की मांग लंबे समय से चली आ रही है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनावों में लाभ पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार एसआईटी के गठन की बात कर रही। लेकिन गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि हर मुद्दे को चुनाव के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ऐलान कर चुके हैं कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करेंगे।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी पी माथुर की रिपोर्ट को आधार बनाकर एसआईटी का गठन किया जाएगा। न्यायमूर्ति माथुर ने अपनी 225 पन्नों की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है। उन्होंने कई मामले की फिर से जांच करने की सिफारिश की है।