नई दिल्ली| नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (NARCL) बैंकों से मिलने वाले बैड लोन के लिए जो सिक्योरिटी रिसीट जारी करेगी, उसके लिए सरकार 30,600 करोड़ रुपए की सॉवरेन गारंटी देगी। इस बात की जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दी।वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले छह वित्त वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के बैड लोन की रिकवरी हुई है। बैंकों ने मार्च 2018 से अब तक 3 लाख करोड़ से ज्यादा रिकवरी की है। इसमें से 1 लाख करोड़ राइट-ऑफ किए गए लोन से आए हैं।2015 में बैंकों के लोन का रिव्यू किया गया था, जिसमें बहुत ज्यादा बैड लोन होने की बात का पता चला था। 2018 में 21 पब्लिक सेक्टर बैंकों में सिर्फ दो प्रॉफिट में थे, लेकिन 2021 में सिर्फ दो बैंक लॉस में थे।
इन सबके बीच बैड बैंक शुरू किया जाना बैंकिंग सिस्टम को भरोसा देने और सपोर्ट देने वाला एक बड़ा कदम है। बड़ी बात यह है कि गारंटी के लिए शॉर्ट टर्म में सरकार को अपने खजाने से एक भी पैसा नहीं निकालना पड़ेगा। बैड बैंक के बारे में थोड़े विस्तार से जानते हैं।
कितने करोड़ के बैड लोन की 'सफाई' होगी?
NARCL कई फेज में लगभग दो लाख करोड़ रुपए के बैड लोन लेगी। उसे पहले चरण में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के कुल 90,000 करोड़ रुपए के बैड लोन दिए जाएंगे। NARCL बैड लोन की कीमत 15% नकदी और बाकी 85% सिक्योरिटी रिसीट के तौर पर चुकाएगी। सिक्योरिटी रिसीट की ट्रेडिंग भी हो सकेगी।बैड बैंक क्या है और यह किस तरह काम करेगा?
बैंकों ने अपने सभी बैड लोन को इकट्ठा करके उसमें फंसी रकम निकालने के लिए NARCL का गठन किया है। बैड बैंक यानी NARCL ने एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) के लाइसेंस के लिए रिजर्व बैंक के पास एप्लिकेशन दी है। इसमें पब्लिक सेक्टर बैंकों की मेजोरिटी यानी 51% हिस्सेदारी होगी।
बैड बैंक क्या है? इसका क्या फायदा है?
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