मानसून में जर्जर हो चुकी शहरी सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। बजट के अलॉटमेंट को देखकर लग रहा है कि राजधानी जयपुर से ज्यादा सड़कों की रिपेयरिंग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के गृह जिलों जोधपुर और कोटा की होंगी। इस बजट में जयपुर से 75.59 फीसदी अधिक जोधपुर को, जबकि कोटा को 61.45 फीसदी ज्यादा राशि अलॉट की है।
भाजपा ने बजट के अलॉटमेंट को लेकर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर के उपमहापौर पुनीत कर्नावट ने कहा कि जोधपुर और कोटा शहरों का क्षेत्रफल जयपुर से बहुत कम है। फिर भी इन दोनों शहरों को इतना बजट देकर कांग्रेस की सरकार जयपुर शहर की जनता के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि खासकर नगर निगम ग्रेटर की जनता के साथ सरकार नगर निगम चुनावों की हार का बदला लेने के उदेश्य से ऐसा कर रही है।
स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से जो प्रदेश की नगरीय निकायों को सड़कों की रिपेयरिंग के लिए बजट आवंटित हुआ है, उसमें कोटा नगर निगम उत्तर को 18.80 करोड़ और नगर निगम दक्षिण को 26.98 करोड़ रुपए मिले हैं। इसी तरह जोधपुर नगर निगम उत्तर को 27.40 करोड़ और नगर निगम दक्षिण को 22.05 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वहीं जयपुर नगर निगम हैरिटेज को 15.93 करोड़ और नगर निगम ग्रेटर को महज 12.42 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस तरह जयपुर की दोनों नगर निगमों को कुल मिलाकर 28.35 करोड़ रुपए, कोटा की निगमों को 45.78 और जोधपुर को 49.78 करोड़ रुपए का बजट मिला है।