जयपुर के अमानीशाह नाला (द्रव्यवती नदी) के स्टार्टिंग पॉइंट के पास खाली पड़ी जमीन पर किशनबाग पार्क बनकर तैयार हो गया है। 4 साल में बनकर तैयार हुए किशनबाग पार्क को जल्द ही लोगों के लिए खोला जाएगा। विद्याधर नगर और शास्त्री नगर के पास बने इस पार्क को जैसलमेर के डेजर्ट पार्क की थीम पर तैयार किया गया है। नाहरगढ़ की पहाड़ियों और स्वर्ण जयंती पार्क के पास बना यह डेजर्ट पार्क करीब 64 हेक्टेयर जमीन पर बनाया गया है। इस पार्क को अगले महीने से लोगों के लिए खोला जा सकता है। पार्क में आने वालों को कुछ एंट्री चार्ज भी देना पड़ेगा, ये कितना होगा अभी तय नहीं हुआ है।

अरावली की पहाड़ियों के नीचे (नाहरगढ़ के पास) विकसित किए इस डेजर्ट पार्क में जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, बीकानेर और जोधपुर क्षेत्र में उगने वाली घास, पेड़-पौधे लगाए गए हैं। साथ ही यहां बने बड़े-बड़े मिट्टी के टीले पर इन वनस्पतियों को उगाया गया है, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को जैसलमेर में बने डेजर्ट पार्क का जैसा अहसास हो।

पार्क में 7 प्रजाति की घास लगाई है
इस पार्क में 7 प्रजाति की घास लगाई गई है, जो राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, जालौर क्षेत्र में उगती है। इसमें लापडा, लाम्प, धामण, चिंकी, मकडो, डाब, करड और सेवण है। इसके अलावा खैर, रोंज, कुमठा, अकोल, धोंक, खेजडी, कैर, गूंदा, लसोडा, गूलर, फालसा, रोहिडा, पीपल, अडूसा, आंवल, खींप आदि प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए गए हैं।

पशु-पक्षियों के लिए बनाई वॉटर बॉडी
यह पार्क नाहरगढ़ पहाड़ी की तलहटी क्षेत्र विकसित किया गया है, इस कारण यहां बड़ी संख्या में तीतर, चील, खरगोश जैसे जीव भी आते-जाते हैं। इसे देखते हुए जेडीए ने यहां एक वॉटर बॉडी बनाई है। इस वॉटर बॉडी में पानी पीने के लिए ये पशु-पक्षी जब आएंगे तो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। यहां आने वाले पर्यटकों के बैठने के लिए सरकंडों की टहनियों से बना छप्पर तैयार किया गया है। साथ ही पार्क में 600 मी. लंबा पत्थर और लकड़ी का वॉक-वे है।