कहते हैं कि भगवान गणेश को जिस स्वरूप में सोचो, वे उसी रूप में नजर आते हैं। ऐसा ही कुछ भोपाल में डॉक्टर दंपती के अनूठे संग्रह में नजर आता है। उनके यहां गणेश भगवान के कई रूप देखने को मिलते हैं। आधुनिक LED लाइट से जगमगाते गजानन से लेकर 3D और खुदाई में निकले प्राचीनतम रूपों में नजर आते हैं। उन्होंने देश के अलग-अलग जगहों से 2 हजार से ज्यादा प्रतिमाओं को घर में सजाकर रखा है।

मिट्टी के गणेश से लेकर सुपारी, मेटल, कीमती स्टोन, क्रिस्टल और अन्य तरह की धातुओं तक के गणेश हैं। डॉक्टर एके चौधरी बताते हैं कि करीब 23 साल से अपनी पत्नी डॉक्टर आशा चौधरी के साथ गणेश के स्वरूपों को जोड़ रहे हैं। उन्हें यह अच्छा लगता है। जहां भी गणेश की अनूठा प्रतिमा दिखती है, तो उसे खरीद लेते हैं। उनके पास 25 हजार रुपए तक की मूर्तियां हैं, लेकिन कीमत इसके लिए मायने नहीं रखती। डॉक्टर दंपती प्रतिमा लेते समय कभी भी मोलभाव नहीं करते हैं। वे भोपाल से लेकर कश्मीर, गोवा और हैदराबाद तक से गणेश प्रतिमाएं लेकर आए हैं। कलेक्शन ऐसा कि गणेश भगवान के स्वरूपों का अंत ही नहीं होता।

पार्क में चूहे के साथ खेलते बाल गणेश
डॉक्टर दंपती ने अपने अनूठे संग्रह में गणेश भगवान के सभी स्वरूपों को जोड़ा है। इसमें पार्क में चूहे के साथ खेलते बाल गणेश से लेकर, पढ़ाई करते, संगीत यंत्र बजाते, पालकी पर जाते, अखबार पढ़ते और डॉक्टर के रूप में बैठे दिखते हैं। कहीं आराम फरमाते नजर आते हैं, तो कहीं सुपारी और शंख में उनका रूप दिया गया है।

पत्नी आशा ने गणेश भगवान को भाई बनाया
डॉक्टर एके चौधरी ने बताया कि उनकी पत्नी इलाहबाद से हैं। आशा ने भगवान गणेश को अपना भाई बनाया है, इसलिए उनके स्वरूपों को जमा करते हैं। करीब दो साल पहले उन्होंने प्रतिमाओं की गिनती की थी। उस दौरान करीब 2 हजार तक विभिन्न स्वरूप में भगवान गणेश की प्रतिमा उनके पास थी, इसके बाद अब तक उन्होंने कभी गिनती नहीं की, हालांकि लॉकडाउन के कारण कलेक्शन में और ज्यादा प्रतिमाएं नहीं जोड़ पाए।