नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर बराक ओबामा भारत के मेहमान बनने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को मोदी का न्योता दरअसल एक बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है। ओबामा तीन दिन तक भारत में रहेंगे और इस दौरान कई ऐसे समझौते हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत हो सकती है। 26 जनवरी को होने वाली इस इस बैठक में दोनों देशों के उद्योगों से जुड़े प्रमुख शामिल होंगे। पिछली बार जब ओबामा भारत यात्रा पर आए थे, तभी अमेरिका ने भारत से द्विपक्षीय निवेश संवर्धन एवं संरक्षण (बीपा) के लिए बातचीत शुरू करने की अपील की थी।
मीडिया से बातचीत के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) की बातचीत पर जल्द निर्णय लेने के पक्ष में है, क्योंकि इससे निवेश की धारणा को बल मिलेगा। लेकिन अमेरिका भी हमारी समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ है। हम बीआईटी करार के मॉडल में संशोधन कर रहे हैं ताकि निवेश-सरकार के बीच विवादों को दूर किया जा सके। एक बार इस पर निर्णय हो जाए तब हम इस करार पर बातचीत करने की स्थिति में होंगे।
हालांकि कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक ऐसा लगता है कि अमेरिकी कंपनियां अब और इंतजार करने को इच्छुक नहीं हैं और उन्होंने अमेरिकी सरकार से भारत की नई सरकार के साथ इस पर आगे बढऩे की अपील की है। यही वजह है कि अमेरिकी सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौते (बीपा) पर बातचीत पूरी कर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रही है।
आपको बतां दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात महीने के कार्यकाल में अब चौथी बार नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा के बीच मुलाकात होने जा रही है। इस बार मोदी ने गणतंत्र दिवस पर बराक ओबामा को देश का मेहमान बना लिया है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं ओबामा का इंडिया प्लान क्या है? साल 2010 में जब पहली बार बराक ओबामा भारत के मेहमान बने थे तब उनके भारत दौरे की पूरी योजना नौ दिन पहले ही सार्वजनिक कर दी गई थी लेकिन इस बार सुरक्षा कारणों से ओबामा के भारत दौरे की पूरी योजना अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।