नई दिल्ली. कोरोना की तीसरी लहर (Covid Third Wave) की आशंकाओं से जूझ रहे देश में एक राहत वाली खबर सामने आई है. अमेरिका में मिले कोरोना के खतरनाक वेरिएंट म्यू और दक्षिणी अफ्रीकी वेरिएंट C.1.2 का एक भी केस देश में सामने नहीं आया है. हालांकि नेशनल जिनोमिक सर्विलांस कंसोर्टियम (INSACOG) ने शुक्रवार को और ज्यादा सघन जिनोम जांच की वकालत की है.INSACOG द्वारा जारी किए गए साप्ताहिक अपडेट में कहा गया है कि डेल्टा और उसके परिवार से जुड़े वेरिएंट ही देश में चिंता का सबब हैं. सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में डेल्टा वेरिएंट चिंता का कारण बना हुआ है. INSACOG द्वारा अब तक जिन 63774 सैंपल की जांच की गई है उनमें 42833 डेल्टा वेरिएंट के थे. INSACOG केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2020 में बनाया गया था जिससे देश में कोरोना की जिनोम सिक्वेंसिंग की जांच सघन तरीके से की जा सके.
वैक्सीनेशन करवाना बेहद जरूरी
इससे पहले नीति आयोग के सदस्य और कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. वीके पॉल ने कहा था- अब साफ हो चुका है कि वैक्सीन के दोनों डोज से ही पूरा प्रोटेक्शन मिलता है. 18+ के करीब 58 फीसदी लोगों को सिंगल डोज लग चुके हैं. ये संख्या 100 प्रतिशत होनी चाहिए. कोई भी छूटना नहीं चाहिए. अब तक करीब 72 करोड़ वैक्सीन डोज दिए गए हैं. जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें जल्द लगवानी चाहिए जिससे हर्ड इम्युनिटी हासिल हो.स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि त्योहार आने वाले हैं और उससे पहले हमें और टीके लगाने होंगे. इस पर हमारे कदम जारी हैं, कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का हम पालन करते रहें तो महामारी का प्रसार रोकने में मदद मिलेगी.