नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की दिल्ली यात्रा के लिए कुछ हफ्तों के भीतर 15 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने, लेकिन जब नागरिकों की जरूरतों की बात आती है, तो उस पर तेजी से कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए सरकार को शुक्रवार को फटकार लगायी.
न्यायमूर्ति बदर दुर्रेज अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मांग की गयी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए लगाये जानेवाले कैमरों को बाद में हटाया नहीं जाये. यह मांग 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाओं के मद्देनजर की गयी. पीठ ने कहा, ‘एक विदेशी राष्ट्रपति की वजह से आप (सरकार) यह कर रहे हैं, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए नहीं. अगर हम आपको भारतीयों के लिए ऐसा करने का निर्देश देते हैं, तो महीनों और वर्षो में करते हैं. ऐसे आप हफ्तों में कर देते हैं. किसी को बाह्य अंतरिक्ष से लाया जाये.’
पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया और उनसे जवाब मांगा कि क्या कैमरे हटाये जायेंगे. पीठ ने कहा, ‘क्या आप इन्हें (कैमरों को) हटायेंगे. आप निर्देश लें.’ कोर्ट ने कहा, ‘अगर तोड़फोड़ नहीं किया गया, तो उसे हटाने में उन्हें वर्षो लगेंगे.’ पीठ की टिप्पणी अधिवक्ता मीरा भाटिया के आवेदन पर आयी.
वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दौरान पुख्ता सुरक्षा के लिहाज से संभावित चुनौतियों को पहचानने और समन्वय योजना तैयार करने के लिए आज पडोसी राज्यों के आला पुलिस अधिकारियों तथा अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अफसरों के साथ बैठक की. गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.
सूत्रों के अनुसार अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने ओबामा की यात्रा के लिहाज से पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की और ओबामा के ठहरने के होटल, उनके आवागमन के रास्तों आदि की जानकारी भी ली. उन्होंने उन सभी रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के बारे में भी पूछताछ की जिनसे अमेरिकी राष्ट्रपति गुजरेंगे. ओबामा के लिए कई आपातकालीन निकास मार्ग भी तय किये गये.
दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी की अध्यक्षता में हुई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में एनसीआर में पुलिस व्यवस्था से जुडे अनेक मुद्दों पर ध्यान देने के लिहाज से सहयोग और समन्वय मजबूत करने पर चर्चा हुई. दिल्ली पुलिस के साथ हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और जम्मू कश्मीर के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.
बैठक में बस्सी ने पुलिस की मौजूदगी, संवेदनशील बिंदुओं पर सघन जांच, किरायेदारों का सत्यापन, अतिथिगृहों में निरीक्षण, साइबर कैफे मालिकों, प्रोपर्टी डीलर, साइकिल विक्रेताओं, रसायन विक्रेताओं और एसटीडी बूथ संचालकों को सतर्क करने पर जोर दिया गया.
कोर्ट ने पूछा : ओबामा के लिए 15 हजार सीसीटीवी कैमरे भारतीयों के लिए क्यों नहीं
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