राजधानी में 800 से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर श्रीगणेश की मूर्ति विराजित की जाएगी। इसे लेकर सरकार और जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। पिछले साल कोरोना के चलते पंडाल या झांकी नहीं सजे थे, लेकिन अबकी बार कुछ पाबंदियों के बीच मूर्ति विराजित करने की छूट दी गई है। सबसे खास पंडाल की लंबाई-चौड़ाई, जुलूस-चल समारोह है। 30×45 फीट से ज्यादा बड़ा पंडाल नहीं होगा। जुलूस भी नहीं निकाले जा सकेंगे। पंडाल में भंडारे-जागरण पर रोक है। वहीं, पंडाल के लिए SDM से परमिशन जरूरी है।
यदि कोई समिति या कॉलोनी-मोहल्ले के लोग गणेश मूर्ति विराजित कर रहे हैं, तो उन्हें नियम-कायदों का पालन करना पड़ेगा। वरना कानून के उल्लंघन के दायरे में आएंगे।