इस्लामाबाद। पाकिस्तान के क्वेटा शहर की आतंकवाद रोधी एक अदालत (एटीसी) ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर बलूच नेता नवाब अकबर खान बुग्ती की हत्या के मामले में आरोप तय किए। 'डॉन' की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ की अदालत में पेशी से छूट देने की मांग खारिज करते हुए आतंकवाद रोधी अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।

एटीसी के बार-बार के आदेश के बावजूद पूर्व सैन्य तानाशाह अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इससे पहले बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था।

अभियोजन पक्ष के वकील सोहेल राजपूत ने दलील दी कि पूर्व राष्ट्रपति विभिन्न चैनलों को लगातार साक्षात्कार दे रहे हैं। एटीसी ने हालांकि कहा कि अदालत में मौजूद होने से छूट मुशर्रफ को तभी मिलेगी, जब पूर्व सेना प्रमुख के स्वास्थ्य के बारे में मेडिकल बोर्ड कोई सूचना देगा।

अदालत ने बलूच नेता की हत्या के मामले में मुशर्रफ, पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के पूर्व मंत्री अहमद खान शेरपाओ और बलूचिस्तान के पूर्व गृह मंत्री मीर शोएब नौशेरवानी के खिलाफ आरोप तय कर दिए।

मामले की सुनवाई 4 फरवरी तक के लिए मुल्तवी कर दी गई है। मुशर्रफ के वकील जीशान चीमा ने अदालत को एक चिकित्सा रिपोर्ट सौंपी और पूर्व राष्ट्रपति को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेशी से छूट देने की मांग की। वकील ने कहा कि पीठ दर्द के कारण मुशर्रफ अदालत में मौजूद होने में असमर्थ हैं।

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2006 में बुग्ती की एक गुफा में विस्फोट से मौत हो गई थी, जहां वह छिपे हुए थे। इससे पहले मुशर्रफ ने सेना को कार्रवाई के आदेश दिए थे। उस वक्त मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति व सैन्य प्रमुख थे। मारे गए बलूच नेता के बेटे नवाबजादा जमील अकबर बुग्ती ने मुशर्रफ और अन्य प्रमुख मंत्रियों को अपने पिता की हत्या में नामजद किया था।