जयपुर । बिहार, बंगाल और यूपी में पैर पसारने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का अगला दांव राजस्थान पर है। औवेसी शनिवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे थे। बताया जा रहा कि वो यहां निजी दौरे पर आए थे। सूत्रों के अनुसार, हैदराबाद से लोकसभा सदस्य अपनी पार्टी के नेताओं के साथ जयपुर आए थे। पार्टी के नेता अजमेर दरगाह गए तो ओवैसी कुछ घंटों के लिए जयपुर ही रुके रहे। फिर शाम को ये सब हैदराबाद लौट गए। बीते दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राजधानी जयपुर में हैं। हालांकि, बताया जा रहा कि केजरीवाल अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए जयपुर के विपश्यना केंद्र में हैं। लेकिन दूसरी ओर यह बात भी सामने आ रही है कि केजरीवाल की ओर से भी अपनी पार्टी का राजस्थान में विश्लेषण किया जा रहा है।
साल 2020 के अंत से ही कांग्रेस-बीजेपी के दबदबे वाले राजस्थान में औवेसी की एंट्री को लेकर कयासबाजी तेज है। बंगाल चुनाव के बाद से ही इस सियासी गणित को हवा मिल रही है, जिसमें राजस्थान में हुए नगर निगम चुनाव ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में कांग्रेस की चल रही अंदरूनी कलह और निगम चुनाव के बाद मुस्लिम वोटर्स का लगातार कांग्रेस से मोह भंग होता जा रहा है। इसके बाद से लगातार कई मुस्लिम नेताओं की ओर से मांग की जा रही कि राजस्थान में भी ओवैसी की पार्टी 'एआईएमआईएम' को मजबूत बनाया जाए। सोशल मीडिया पर तो 'एआईएमआईएम राजस्थान इंडिया' के नाम से विभिन्न ग्रुप दिखाई दे रहे हैं, जिनमें लगातार फॉलोअर्स की संख्या बढ़ रही है। बंगाल चुनाव से पहले बिहार चुनाव में औवेसी की पार्टी के मजबूत होने और पांच सीटों पर कब्जा जमाने के बाद यह खबर भी मिल रही है कि एआईएमआईएम प्रमुख अब अपनी पार्टी को सिर्फ हैदराबाद तक सीमित नहीं रखना चाहते। इसी क्रम में राजस्थान की उनकी यात्रा को भी देखा जा रहा है।
दरअसल, तीन बड़े शहर जयपुर, जोधपुर और कोटा में साल 2020 नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली थी। कांग्रेस ने छह में से चार निगमों पर कब्जा जमाकर अपने मेयर स्थापित किए थे। राजधानी जयपुर की बात करें, तो नगर निगम चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाने में सबसे बड़ा श्रेय मुस्लिम वोटर्स और प्रत्याशियों का था। जयपुर हैरिटेज में 21 कांग्रेस और 8 निर्दलीय सहित 29 मुस्लिम प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की गई थी। लिहाजा मुस्लिम संगठनों की ओर से मांग की जा रही थी कि जयपुर हैरिटेज में मुस्लिम मेयर बनाया जाए, लेकिन प्रदर्शन और लगातार मांग के बावजूद भी कांग्रेस ने किसी भी निगम में मुस्लिम मेयर को जगह नहीं मिली। यही वजह है कि मुस्लिमों का एक बड़ा वर्ग कांग्रेस संगठन से नाराज हो गया है। यही धड़ा ओवैसी की पार्टी को एआईएमआईएम को राजस्थान में लाना चाहता है।
बिहार, बंगाल और यूपी के बाद औवेसी का दांव राजस्थान पर
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