कोविड महामारी ने देश में प्रीमियम प्रोडक्ट्स को लेकर नजरिया और इस्तेमाल करने का तरीका बदल दिया है। खाने-पीने और होम केयर पर खर्च बढ़ा है। ऐसे में FMCG सेक्टर में नॉर्मल प्रोडक्ट के मुकाबले प्रीमियम प्रोडक्ट्स की मांग ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
प्रीमियम प्रोडक्ट्स का बाजार सालाना 10-15% बढ़ेगा
ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म कर्नी के मुताबिक प्रीमियम प्रोडक्ट्स के भारतीय बाजार ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। अगले तीन सालों के दौरान इनका बाजार सालाना 10-15% बढ़ेगा। दूसरी तरफ ग्लोबल मार्केट में इस सेगमेंट की ग्रोथ करीब 5% रहेगी।
इनोवेटिव प्रोडक्ट्स के लिए लोग ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार
विप्रो एंटरप्राइजेज के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर राघवेंद्रन स्वामीनाथन के मुताबिक, बीते कुछ सालों से देश में उपभोक्ताओं खास तौर पर ऊंची आय वाले मध्यम वर्ग की आय तुलनात्मक रूप से ज्यादा बढ़ रही है। ये लोग बेहतर और इनोवेटिव प्रोडक्ट्स के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश की GDP तेज रफ्तार से बढ़ रही है और प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे में प्रीमियम प्रोडक्ट्स का कारोबार तेजी से बढ़ेगा।
33-44 साल के आधे लोग इनोवेटिव प्रोडक्ट्स को प्रीमियम मानते हैं
देश में अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए प्रीमियम प्रोडक्ट्स के मानक अलग-अलग हैं। लंदन की मार्केट रिसर्च कंपनी मिंटेल के मुताबिक, भारत में 33-44 साल के आधे लोग इनोवेटिव प्रोडक्ट्स को प्रीमियम मानते हैं। 18-34 साल के हर पांच में से तीन लोग ऐसे प्रोडक्ट्स को प्रीमियम कैटेगरी में रखते हैं, जिनकी मैन्युफैक्चरिंग के दौरान साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है।
महिलाओं से जुड़े हर 5 में से 2 टिकाऊ प्रोडक्ट प्रीमियम
मिंटेल रिसर्च के मुताबिक भारत में 25-34 साल की हर 5 में से 3 महिलाएं उम्मीद करती हैं कि प्रीमियम ब्रांड पर्यावरण से जुड़े मसलों को लेकर संजीदा रुख अपनाते हैं। वैसे भारतीय बाजार में महिलाओं से जुड़े हर 5 में से 2 टिकाऊ प्रोडक्ट प्रीमियम माने जाते हैं।
प्रीमियम प्रोडक्ट्स को बढ़ाने में ई-कॉमर्स की बड़ी भूमिका
देश में प्रीमियम प्रोडक्ट्स का चलन बढ़ाने में ई-कॉमर्स की बड़ी भूमिका है। आगे भी यह सेक्टर इस बाजार को विस्तार देने में मददगार साबित होगा। स्वामीनाथन ने कहा कि प्रीमियम प्रोडक्ट्स बेचने के लिए कंपनियां डिस्ट्रिब्यूशन चैनल की जगह ई-कॉमर्स का रुख कर रही हैं। ग्राहकों तक ऑनलाइन पहुंच बनाना आसान है। यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसकी बदौलत ग्राहक कंपनियों तक पहुंचते हैं, न कि कंपनियों को उन तक पहुंचने की जरूरत होती है।