नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कर की रहस्यमयी परिस्थिति में हुई मौत के मामले में एम्स की अंतिम मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मृत्यु जहर के सेवन से हुई जो या तो मुंह से शरीर में गया या इंजेक्शन के जरिये अंदर पहुंचा। मामले में दर्ज पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार उनके शरीर पर एक जख्म को छोड़कर बाकी हाथापाई के कारण आये।

रिपोर्ट में प्राकृतिक कारणों से मृत्यु की संभावना को खारिज करते हुए कहा गया है कि उनके शरीर पर एक को छोड़कर सभी 15 जख्म बल प्रयोग से आये थे। मामले में हत्या के प्रकरण के तौर पर सरोजिनी नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसमें कहा गया है कि चोट संख्या 12 दांत से काटने का निशान है। चोट संख्या 1 से 15 तक 12 घंटे से लेकर चार दिन के बीच अनेक अवधियों की हैं।

ऑटोप्सी बोर्ड ने 29 दिसंबर को पुलिस को सौंपी गयी अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि यह प्राकृतिक मृत्यु नहीं है और जहर मुंह के रास्ते गया। हालांकि इंजेक्शन से जहर शरीर में जाने की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता।

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किस तरह ‘अलप्राजोलम जहर’ की ओर इशारा किया गया है वहीं सीएफएसएल और एफएसएल रोहिणी की फोरेंसिक रिपोर्ट ने इसे पूरी तरह खारिज किया है। प्राथमिकी के अनुसार, ‘नयी दिल्ली के एम्स में 18 जनवरी को मृतका का पोस्टमार्टम तीन फोरेंसिक डॉक्टरों के ऑटोप्सी बोर्ड ने किया।’ इसमें कहा गया, ‘ऑटोप्सी बोर्ड का विचार था कि मामले में मौत का कारण उसे जो जान पड़ता है और लगता है वह जहर का सेवन है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य अलप्राजोलम जहर की ओर इशारा करते हैं।’ 51 साल की सुनंदा पिछले साल 17 जनवरी को दिल्ली के एक पांचसितारा होटल में मृत मिली थीं।

प्राथमिकी के मुताबिक पिछले साल 17 जनवरी को रात करीब नौ बजे सरोजिनी नगर थाने के तत्कालीन प्रभारी अतुल सूद को शशि थरूर के निजी सचिव अभिनव कुमार का फोन आया था कि सुनंदा ने नयी दिल्ली के होटल लीला पैलेस के कमरा नंबर 345 में कुछ कर लिया है। सुनंदा के पति थरूर उस समय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थे। सूद इस सूचना पर अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे जहां कमरे में सुनंदा मृत मिलीं। मौके पर प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह 15 जनवरी को शाम 5:48 बजे होटल में आई थीं।