भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह जैसे संगीन मामलों में फरार, निलंबित ADG जीपी सिंह अचानक रायपुर में प्रकट हो गए। वे अपने वकील के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो के तेलीबांधा स्थित मुख्यालय पहुंचे हैं। वहां करीब चार घंटों तक पूछताछ के बाद वे बाहर निकले हैं। बाहर निकलने के लिए जीपी सिंह की गाड़ी को काफी भीतर ले जाया गया, जहां वे मुंह छिपाकर उसमें सवार हुए।
कभी राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख रहे जीपी सिंह आज आरोपी के तौर पर पहुंचे थे। जीपी सिंह पर आरोप है कि ACB के चीफ रहने के दौरान उन्होंने बहुत से कारोबारियों नेताओं और अफसरों को कार्यवाही का डर दिखाकर धमकाया था और उन से अवैध वसूली की थी। 1 जुलाई को उनके सरकारी आवास समेत 15 ठिकानों पर पड़े एसीबी के छापे के बाद जांच टीम ने खुद इन तथ्यों को उजागर किया था।
ACB मुख्यालय में इस समय गहमा-गहमी बढ़ी है। बाहर मीडिया का जमावड़ा है।
उसके बाद से ही जीपी सिंह फरार चल रहे थे। पुलिस ने उनको ढूंढने की कोशिश की, नोटिस जारी किया, लेकिन जीपी सिंह नहीं मिले। इस बीच उन्होंने अग्रिम जमानत की कोशिशें जारी रखीं। निचली अदालतों से मामला खारिज होने के बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। 26 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। गिरफ्तारी से राहत पाने के बाद ही जीपी सिंह वापस लौटे। जीपी सिंह आज सर्वोच्च न्यायालय के आर्डर की कॉपी लेकर पहुंचे थे। ACB के अफसरों ने उन से बंद कमरे में पूछताछ की है।
10 करोड़ से अधिक की संपत्ति से जुड़ा है मामला
1 जुलाई को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अचानक ADG जीपी सिंह के पुलिस लाइन के सरकारी आवास में पहुंची थी। इसके अलावा राजनांदगांव, ओडिशा, भिलाई और रायपुर के लगभग 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। सिंह के चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंक मैनेजर दोस्त, और एक कारोबारी मित्र के घर भी छापेमारी की गई थी । जहां से कई किलो सोने के बिस्किट और दस्तावेज बरामद किए गए थे। 3 दिनों तक चली छापेमारी के दौरान यह खुलासा किया गया था कि लगभग 10 करोड़ से अधिक अवैध संपत्ति अफसर ने अर्जित कर रखी थी जिसकी जांच की जा रही है।