नई दिल्ली । अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पूरी दुनिया चिंतित है।मंगलवार को अमेरिकी सेना भी अफगानिस्तान की धरती छोड़ देगी, इसके बाद माना जा रहा है कि तालिबान का असल चेहरा सामने आ सकता है। कट्टर संगठन के इतिहास को देखकर कोई भी देश जल्दी तालिबान पर विश्वास करना नहीं चाहते हैं। 
हालांकि, तालिबान लगातार दावा कर रहा है, कि अब उसमें काफी बदलाव आ गए हैं और आने वाली सरकार के दौरान ये बदलाव देखने को मिलेगा।इसके बाद कई देश वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं कि तालिबान वास्तव में बदल गया है या अभी सिर्फ दिखावा कर रहा है। तालिबान ने एक बार फिर से कहा है कि उससे भारत को कोई भी खतरा नहीं होने वाला है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि भारत एक अहम देश है और अफगानिस्तान की नई सरकार उनके लिए कोई खतरा नहीं होने जा रही है। 
जबीउल्लाह ने अफगानिस्तान के साथ भारत के अच्छे संबंधों को याद कर कहा कि तालिबान के तहत गठित नई सरकार भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती है। तालिबान द्वारा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का पक्ष लेने की खबरों के सवाल पर जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि ऐसी खबरें निराधार हैं। उन्होंने कहा, "तालिबान किसी अन्य देश को हमारे बीच नहीं आने देगा। हम भारत को आश्वस्त करते हैं कि हमारा पक्ष उनके लिए खतरा नहीं होगा। 
26 अगस्त को मुजाहिद ने बयान में कहा था कि तालिबान पाकिस्तान को अपने 'दूसरे घर' के रूप में देखता है। मुजाहिद ने इंटरव्यू में कहा था, "अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है।जब धर्म की बात आती है तब हम परंपरागत रूप से साथ होते हैं। दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के साथ मिलते हैं।इसकारण हम पाकिस्तान के साथ संबंधों को और गहरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।मुजाहिद ने कहा कि तालिबान चाहता है कि अफगानिस्तान में देशों के दूतावास हों। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में राजदूतों की मौजूदगी फायदेमंद है।हम चाहते हैं कि सभी देशों के हमारे साथ अच्छे संबंध हों।