नई दिल्ली। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भारत में निवेश करने के प्रति विदेशी निवेशकों का भरोसा पिछले एक दशक से लंबे समय के न्यूनतम स्तर पर आ गया है। सलाह सेवा देने वाली अमेरिकी कंपनी ए टी कार्नी के सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। कंपनी ने दुनिया भर के 300 कार्यकारी अधिकारियों के बीच कराये गए एक सर्वेक्षण के आधार पर बताया कि पिछले साल पांचवें स्थान पर रहने वाला भारत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश विश्वास सूचकांक में दो स्थान फिसलकर इस साल सातवें पायदान पर आ गया है।
वर्ष 2001 के बाद इस सर्वेक्षण में यह भारत का सबसे खराब प्रदर्शन है। इसमें कहा गया है निवेशकों के उत्साह के पिछले साल ठंडा पड़ने की वजह से भारत दो पायदान फिसल गया है। इस मामले में अमेरिका अव्वल बना हुआ है। यह लगातार दूसरा मौका है जब अमेरिका इस सर्वेक्षण में शीर्ष पर है। अमेरिका के पक्ष में 49 प्रतिशत प्रतिभागियों ने मतदान किया जो वर्ष 2013 में उसके पक्ष में पड़े 39 प्रतिशत और वर्ष 2007 में उसके पक्ष में पड़े 23 प्रतिशत मत के मुकाबले कहीं अधिक है। भारत वर्ष 2005, 2007 और 2012 में दूसरे स्थान पर रहा था जबकि 2010 में वह तीसरे स्थान पर आ गया था।