नई दिल्ली : लोकसभा में धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर आज हुई चर्चा का जवाब देते हुए सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है और सरकार इसका सार्थक हल निकालने के लिए जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाएगी. धर्म परिवर्तन पर हो रही राजनीति को गलत करार देते हुए नायडू ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है और इस पर पूरे देश में गुस्सा है. कुछ लोग इसके लिए सरकार को दोष दे रहे हैं लेकिन उन्हें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि पीएम मोदी के कार्यों की तारीफ न सिर्फ इस देश में लोग कर रहे हैं, बल्कि विदेशों में भी हो रही है.
नायडू ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का एक मात्र लक्ष्य देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने का है. हमारा मुद्दा विकास का है.
हालांकि चर्चा के दौरान इस मसले पर विपक्ष के तरफ से आरएसएस पर साधे गए निशाने पर नायडू ने कहा कि हमें आरएसएस से जुड़े होने पर गर्व है. आरएसएस हमें अनुशासन में रहना सिखाता है. नायडू ने साफ किया कि इस तरह के हथकंडों में आरएसएस का नाम नहीं घसीटा जाना चाहिए. नायडू के इस बयान के बाद संसद में हंगामा करते हुए पूरा विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया.
इससे पहले चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस मुद्दे पर पीएम को सदन के माध्यम से देश को जवाब देना चाहिए. सिंधिया ने बीजेपी के मंत्रियों पर आरएसएस के इशारों पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री अपना काम करने के बजाए आरएसएस की चरण वंदना करने में ज्यादा मशगूल रहते हैं.
सिंधिया ने इसके साथ ही धर्म परिवर्तन के पीछे आरएसएस का हाथ बताते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में अल्पसंख्यक प्रिविलेंस एक्ट के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं बीजेडी के भर्तृहरि ने धर्म परिवर्तन के मामले पर धर्मांतरण रोकने के लिए कानून लाने की मांग की तो शिवसेना के तरफ से सदन में अपनी बात रखते हुए अरविंद सावंत ने लव-जेहाद का मुददा उठाते हुए कहा कि जब हिंदुओं के साथ इस तरह की घटना घटती है तो इसकी तकलीफ किसी को क्यों नहीं होती है. सावंत ने तारा सहदेव का मामला उठाते हुए कहा कि हिंदू के साथ दुर्व्यवहार होता है तब इस पर कभी भी किसी तरह की चर्चा नहीं होती है लेकिन जब हिंदू अपने स्वाभिमान की बात करते हैं तो इस पर हंगामा क्यों मच जाता है.
इसके बाद एसपी की तरफ से पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश में जाति और धर्म के भेद को मिटाना होगा तभी यह देश मजबूती से आगे बढ़ेगा. मुलायम ने कहा कि आज लोग जाति, धर्म की दीवारें तोड़कर जहां शादियां कर रहे हैं वहीं हम अहम राष्ट्रीय मुद्दों को छोड़कर धर्म परिवर्तन पर चर्चा कर रहे हैं. मुलायम ने मीडिया पर चुटकी लेते हुए कहा कि जहां आगरा में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया हैं वहां इसका असर नहीं है, उसके अगल-बगल में कहीं कोई चर्चा नहीं है. पूरे यूपी में कोई इसके बारे में बात नहीं कर रहा है लेकिन पता नहीं दिल्ली में इतनी गहमागहमी क्यों है. मुलायम ने सवालिया लहजे में पूछा कि अखबार में छपी खबर पढ़ कर संसद चलेगी क्या.
सीपीएम के मो.सलीम ने इस चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि मैं पश्चिम बंगाल से आता हूं और मेरी नजरों में एक ही स्वामी हैं वे हैं स्वामी विवेकानंद, जिनका मैं सम्मान करता हूं. सदन में बैठे भगवाधारी लोगों को मैं स्वामी नहीं मानता. सलीम के इस बयान पर लोकसभा में सत्तारूढ़ पक्ष के सांसदों ने काफी हंगामा किया.
आरजेडी के तरफ से बोलते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि धर्म के नाम पर भेद-भाव गलत है.
गौरतलब है कि आगरा में हुए मुस्लिम परिवारों के धर्माँतरण के बाद आज विपक्ष की मांग पर लोकसभा में धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा हुई है.
धर्मांतरण पर सरकार का लोकसभा में जवाब
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