भोपाल । कबाड़ में कोरोना जांच की स्टिक मिलने के मामले में सैंपल लेने के लिए पदस्थ दो संविदा लैब टेक्नीशियनों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इनमें दीपिका मालवीय और रामकुमार वोरवन शामिल हैं। मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी सिफारिश पर इनके खिलाफ कारवाई की गई है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि मैजिक वाहन से दो लैब टेक्नीशियन सामान लेकर बिलखरिया गए थे। लौटने के बाद जेपी अस्पताल में बचा सामान जमा कराने की बारी आई तो कुछ कार्टन नहीं थे। इसमें एक सूची भी थी, जिसमें सैंपल लेने वाले कुछ लोगों के नाम और मोबाइल नंबर भी हैं। जांच कमेटी में शामिल एक चिकित्सक ने बताया कि दो दिन तक दोनों लैब टेक्नीशियन ने गुम सामान की जांच की। नहीं मिलने पर बिलखिरिया थाने में शिकायत की। उधर, कबाड़ में मिली सूची में जिन लोगों के नाम हैं, उनका फोन नंबर पूछकर फर्जी रिपोर्ट बना दी गई, लेकिन इस मामले की जांच शुरू नहीं हुई। उधर, सीएमएचओ भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी का कहना है लैब में सैंपल भेजे बिना रिपोर्ट जारी ही नहीं हो सकती। जांच में गड़बड़ी की बात इससे भी पुष्ट हो रही है कि लोगों के पास पहुंचे सैंपल लैब से नहीं बल्कि जिला ई-गर्वनेंस पोर्टल से जारी किए गए हैं। लैब से आने वाले एसएमएस में एनएचएम लिखा रहता है। मालूम हो ‎किकबाड़ी के यहां स्टिक और कुछ लोगों के सैंपल वाली लिस्ट और उसमें मोबाइल नंबर भी ‎‎लिखे ‎मिले थे। उन नंबरों पर बात करने पर इस बडे फर्जीवाडे का खुलासा हुआ था। इन लोगों का कहना था ‎कि उन्हें रास्ते में रोककर अन्य बहानों से उनके नाम और मोबाइल नंबर नोट कर ‎लिया गया था जब‎कि उनका कोई सेंपल नहीं ‎लिया गया था। उधर इस मामले में अब राजनीति गरमाती जा गई है। मंगलवार को कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने जहां कोरोना जांच में गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। बुधवार को इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ कार्यालय के सामने पहुंचकर प्रदर्शन किया। पार्टी के पदाधिकारियों ने सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी को लापरवाही के आरोप में हटाने की मांग की है। साथ ही पूरे मामले की किसी बड़े अधिकारी से जांच कराने की मांग भी की गई है।आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने बताया कि करीब 70 कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। सीएमएचओ को हटाने के लिए कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के नाम से हबीबगंज थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव को ज्ञापन भी सौंपा गया। प्रदर्शन करीब एक घंटे तक चला। हालांकि इस दौरान सीएमएचओ सामने नहीं आए। खंडेलवाल ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही हैं। कबाड़ में जांच की स्टिक मिलने के साथ ही सैंपल लिए गए लोगों की सूची भी मिली थी। जिसमें लोगों के फोन नंबर भी दर्ज हैं। यह एक तो निजता का उल्लंघन है। दूसरी बात यह भी सामने आई है कि जिन लोगों का नाम सूची में दर्ज है, उनके सैंपल लिए ही नहीं गए हैं, जबकि रिपोर्ट नेगेटिव दे दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में कई ऐसे हितग्राही भी हैं जिन्हें कोरोना से बचाव का पहला टीका तो लग गया है, लेकिन कोई मैसेज या प्रमाण पत्र उनके पास नहीं है। ऐसे में उन्हें दूसरा डोज लगवाने में मुश्किल आ रही है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सीएमएचओ को नहीं हटाया जाता है तो पार्टी दोबारा प्रदर्शन करेंगी।