भोपाल । शहर की एक अदालत ने मंगलवार को महिला हवलदार और दो सिपाहियों को जेल भेजने के आदेश दिए। इस मामले में आरोपित एएसपी को आज कोर्ट में पेश होना है। बताया जा रहा है ‎कि पु‎लिस वालों को यह सजा पद के दुरुपयोग के मामले में हुई है। एसपी लोकायुक्त मनु व्यास के अनुसार, वर्ष-2012 में हुए एक धोखाधड़ी के मामले में पद के दुरुपयोग की शिकायत लोकायुक्त में हुई थी। जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने वर्ष-2015 में साइबर सेल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर, हवलदार इशरत परवीन, आरक्षक सौरभ भट्ट और इंद्रपाल के खिलाफ पद के दुरुपयोग का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अमित रंजन समाधिया की अदालत में चालान पेश किया था। अदालत ने कोर्ट में मौजूद तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ पद के दुरुपयोग का आरोप सही पाया। साथ ही तीनों को जेल भेजने का आदेश दिया। इस मामले में आरोपित तत्कालीन डीएसपी वर्तमान में एससीआरबी में एएसपी दीपक ठाकुर को बुधवार को कोर्ट में पेश होना है। पुणे निवासी रेनी जौहर और गुलशन जौहर रिश्ते में मां-बेटी हैं। उनका ऑनलाइन कैमरा बेचने का व्यापार था। विक्रम राजपूत नामक व्यक्ति ने वर्ष-2012 में इनसे एक कैमरा खरीदा था। चेक करने पर कैमरा खराब निकला। विक्रम ने रैनी जौहर को कैमरा वापस लेने के लिए कहा। जौहर ने तर्क दिया था कि कंपनी से शिकायत करने के बाद कैमरा वापस लिया जाएगा। इसी बीच विक्रम राजपूत ने साइबर सेल में मां-बेटी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा दिया। साइबर सेल ने मां-बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद मां-बेटी ने साइबर सेल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर, आरक्षक इरशाद परवीन, आरक्षक सौरव भट्ट, आरक्षक इंद्रपाल के खिलाफ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी। इसमें बताया था कि संबंधित पुलिसकर्मी पांच लाख रुपये मांग रहे हैं। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने संज्ञान लेकर जांच के बाद मुकदमा कायम किया था। मामले में दोषी पाए जाने पर अदालत ने  महिला हवलदार और दो सिपाहियों को जेल भेजने के आदेश दिए।