मुंबई। शिवसेना और बीजेपी के बीच 70 दिनों की खींचतान के बाद एक बार फिर से रिश्ते बन गए हैं। एक महीने तक विपक्ष में बैठने के बाद शिवसेना औपचारिक तौर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में शामिल हो गई।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में राज्यपाल सी. वी. राव ने 20 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें दस मंत्री शिवसेना और दस मंत्री भाजपा के शामिल हैं। यह शपथ कार्यक्रम नरीमन पॉइंट स्थित महाराष्ट्र विधानमंडल भवन में आयोजित किया गया। इसके साथ ही फडणवीस मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्य 30 हो गई है।

मंत्रिमंडल में अब 18 मंत्री कैबिनेट स्तर के हैं जिनमें पांच शिवसेना के मंत्री भी शामिल हैं। साथ ही 12 राज्य मंत्री हैं, शिवसेना को फडणवीस मंत्रिमंडल में पांच पद राज्यमंत्री के भी मिले हैं।

बीजेपी ने फैसला किया है कि इस सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद नहीं होगा और न ही किसी ऐसे छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी जो सरकार को समर्थन दे रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले बीजेपी विधायकों में गिरीश बापट, गिरीश महाजन, चंद्रशेखर बावनकुले, बबनराव लोनीकार और राजकुमार बडोले शामिल हैं। वहीं शिवसेना की ओर से पूर्व नेता विपक्ष एकनाथ शिंदे, रामदास कदम, दिवाकर राउत, सुभाष देसाई और दीपक सावंत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।

बीजेपी से राज्य मंत्री के रूप में राम शिंदे, विजय देशमुख, राजे अत्राम, रंजीत पाटिल और प्रवीण पोते ने शपथ ली तो शिवसेना में संजय राठौड़, दादा भूसे, विजय शिवतरे, दीपक केसरकार और रविन्द्र वाईकर ने राज्य मंत्री की शपथ ली। शिवसेना को दो मंत्रिपद और भी दिए जाने हैं। इन दो मंत्रियों को अगले कैबिनेट विस्तार में शामिल किया जाएगा।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने परिवार और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे। 31 अक्टूबर को फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) इस समारोह में अनुपस्थित रही।

इससे पहले शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। अब उनकी पार्टी विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेगी।

शिवसेना के पास विधानसभा में 63 सदस्य हैं, पिछले महीने विधानसभा में शिवसेना विपक्ष में बैठी थी। दोनों पार्टियों के बीच 25 साल पुराना गठबंधन चुनाव से पहले 15 अक्टूबर को टूट गया था। लेकिन काफी गहमागहमी के बाद शिवसेना भाजपा सरकार में शामिल हो गई है।