कोरोना संकट के बीच अगर नौकरी छू गई है तो चिंता की जरूरत नहीं है. हम आपको सिर्फ 50 हजार रुपये लगाकर अगले 3 साल तक 5 लाख रुपये सालाना तक की कमाई कराने वाली खेती के बारे में बता रहे हें|
इससे आप दो तरीके से इनकम कर सकते है
ऐलोवेरा की खेती कर हर साल लाखों की कमाई कर सकते हैं. ऐलोवेरा का बिजनेस दो तरह से कर सकते हैं. पहला, इसकी खेती करके और दूसरा इसके जूस या पाउडर के लिए प्लांट लगाकर. यहां हम आपको ऐलोवेरा की खेती और प्रोसेसिंग प्लांट की लागत समेत उससे जुड़ी कई जानकारियां दे रहे हैं.
कितना लगाना होगा पैसा और कामना भी
ऐलोवेरा की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की लागत आती है. इसे एक साल लगाने के बाद आप तीन साल तक फसल ले सकते हैं. हर साल इसकी लागत भी कम होती जाती है, जबकि कमाई बढ़ती जाती है. ऐलोवेरा की फसल तैयार होने पर आप इसे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ ही सीधे मंडियों में भी बेच सकते हैं. इसके अलावा अगर आप अपने बिजनेस को बढ़ाना चाहते हैं तो ऐलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. प्रोसेसिंग यूनिट से ऐलोवेरा जेल या जूस बेचकर आप मोटी कमाई कर सकते हैं. छोटे आकार की एक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर करीब 5 लाख रुपये तक का खर्च आएगा.
ऐलोवेरा की खेती-प्लांट में कितनी आएगी लागत
ऐलोवेरा की खेती कम उपजाऊ जमीन पर होती है. साथ ही कम खाद में भी इसका बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है. अच्छी उपज के लिए खेत को तैयार करते समय 10-15 टन सड़ी हूए गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करनी चाहिए. ऐलोवेरा से मोटी कमाई के लिए आपको पहले खेती की लगात और फिर प्लांट, लेबर, पैकेजिंग में खर्च करना होगा. कम लागत में हैंडवाश या ऐलोवेरा सोप का बिजनेस भी शुरू कर सकते है. कॉस्मेटिक, मेडिकल और फार्मास्यूटिकल्स के फील्ड में ऐलोवेरा की मांग काफी ज्यादा है. ग्राहकों के बीच ऐलोवेरा जूस, लोशन, क्रीम, जेल, शैम्पू सभी चीज की बड़ी मांग है. आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में सालों से ऐलोवेरा का इस्तेमाल होता आया है.
कैसी जमीन और मौसम में होती है ज्यादा पैदावार
ऐलोवेरा की खेती शुष्क क्षेत्रों से लेकर सिंचित मैदानी क्षेत्रों में की जा सकती है. हालांकि, आजकल इसकी खेती देश के सभी भागों में की जा रही है. राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में इसका कमर्शियल लेवल पर उत्पादन हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे बहुत ही कम पानी और अर्द्ध शुष्क क्षेत्र में भी असानी से उगाया जा सकता है. ऐलोवेरा की बेहतर खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड होता है. हालांकि, यह पौधा किसी भी तापमान पर अपने को बचाए रख सकता है. इसकी किस्मों में आईसी 111271, आईसी 111280, आईसी 111269 और आईसी 111273 का कमर्शियल उत्पादन किया जा सकता है. इनमें पाई जाने वाली एलोडीन की मात्रा 20 से 23 फीसदी तक होती है.