बैतूल के आठनेर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां मक्के के खेत में नवजात मिला है। बच्चे को रेस्क्यू कर जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। इस दौरान महिला बाल विकास के DPO ने बच्चे को दुलारते हुए उसे मां जैसा प्यार दिया। उन्होंने न सिर्फ उसे साफ किया। कपड़े पहनाकर उसे दूध भी पिलाया।
यह है मामला
शनिवार को आठनेर के अक्कलवाड़ी में एक नवजात मक्के के खेत में पड़ा था। उसके रोने की आवाज सुन लोग मौके पर पहुंचे। बच्चा मिलने की सूचना आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और कोटवार ने पुलिस को दी। माैके पर पहुंचे डायल - 100 ने महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक गुंता उइके, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और कोटवार की मदद से बच्चे को रेस्क्यू कर आठनेर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। कार्यकर्ता ने इसकी जानकारी महिला बाल विकास अधिकारी नेहा यादव और विभाग प्रमुख बाबूलाल विश्नोई को दी। जानकारी के मिलते ही विश्नोई चाइल्ड लाइन कार्यकर्ताओं के साथ आठनेर रवाना हो गए।
विश्नोई ने बच्चे को दुलारा
अस्पताल में बच्चे को देख DPO विश्नोई से रहा नहीं गया। उन्होंने उसे गोद में उठा लिया। अपने हाथों से साफ करने लगे। उसे नए कपड़े पहनाए। मदर मिल्क का इंतजाम कर खुद उसे दूध भी पिलाया। डीपीओ यहीं नहीं रुके। उन्होंने नवजात को गोद में लिया और एम्बुलेंस से बैतूल अस्पताल ले आए। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। उसका वजन 2.180 ग्राम है। डीपीओ ने उसका नाम अक्षय रखा है। पुलिस मां की तलाश में जुट गई है। डॉक्टरों की मानें, तो बच्चे का जन्म सुबह ही हुआ है।