खंडवा में महिला डीएसपी के सरकारी आवास पर नल सुधारने आया प्लंबर घर की चाबी चुराकर ले गया। जब अधिकारी ड्यूटी पर जाती तब प्लंबर घर आकर अलमारी में रखे रुपए चुराकर ले जाता था। दो बार में उसने 26 हजार रुपए निकाल लिए। डीएसपी को शक हुआ तो रैकी करवाई और उसे पकड़कर शांति भंग की धारा 151 में जेल भिजवा दिया।

घटना महिला डीएसपी दीपा मांडवे के साथ हुई है। हाल ही में उन्हें नवजात की खरीद-फरोख्त मामले में गठित एसआईटी टीम की कमान सौंपी गई है। डीएसपी ने कुछ दिन पहले सरकारी आवास पर नल फिटिंग कराने के लिए एक प्लंबर को बुलाया था। प्लंबर ने नल फिटिंग करने के बाद घर की चाबी लेकर चला गया।

महिला डीएसपी जब ड्यूटी पर जाती तो वह चोरी करने पहुंच जाता। दो बार में घर आकर ताला खोला, जिसमें एक बार 20 हजार और दूसरी बार 6 हजार रुपए निकाले। रुपए चोरी होने की आशंका हुई तो एक दिन गिनती के रुपए रखे और ऑफिस आ गई। घर की निगरानी के लिए एक कांस्टेबल को तैनात कर दिया। इस दौरान वहीं प्लंबर घर आया और ताला खोलकर अंदर घुसा, जिसे मौके पर ही दबोच लिया।

चोरी के अपराध में नहीं 151 में भेजा जेल

अक्सर देखा गया है कि, सरकारी अफसरों को यदि कोई तंग करता है या फिर किसी व्यक्ति को सबक सीखाना हो तो वह अफसर पुलिस से कहकर उसे 151 में जेल भिजवा देता है। यहां तक की तहसील न्यायालय में उसकी जमानत तक नहीं होने देता। ऐसा ही DSP दीपा मांडवे ने किया। जबकि उसे चोरी की धाराओं में आरोपी बनाया जाना था। जबकि 151 की धारा शांति भंग करने के मामले में किसी समूह के लोगों पर लगाई जाती है।

सरकारी अफसर धारा 151 का करते है दुरुपयोग

धारा 151 के दुरुपयोग का ऐसा ही मामला पिछले साल सुर्खियों में रहा, 2020 में मंदसौर के तत्कालीन एडीएम बीएल कोचले (अब रिटायर्ड) ने एक किसान को जेल भिजवा दिया। जिस तहसीलदार को जमानत देनी थी, उसे दो सप्ताह के लिए छुट्‌टी दे दी। मामला यह था कि किसान अपने खेत से लगी एडीएम की कृषि भूमि को जोतता था। एडीएम ने खेत छुड़ाकर उसके खेत का रास्ता भी खोद दिया। किसान इधर-उधर शिकायतें करने लगा तो 151 लगवा दी।