आयोग ने कहा - सीएमएचओ विदिशा जांच कमेटी बनाकर एक माह में दें जवाब

विदिशा जिले की गंजबसौदा तहसील के ग्राम खरपरी निवासी एक आदिवासी गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही मौत हो गयी। इतना ही नहीं, गंजबासौदा अस्पताल से रेफर की गयी महिला को जिला चिकित्सालय विदिशा में मृत घोषित कर दिया गया, जिसके शव का घंटों बाद बीते मंगलवार को दोपहर तक पीएम नहीं किया गया, जिससे उसके परिजन परेशान होते रहे। उल्लेखनीय है कि गंजबासौदा क्षेत्र के ग्राम खरपरी के संतोष आदिवासी की 22 वर्षीय गर्भवती पत्नी राजकुमारी को उसके परिजनों ने डिलिवरी के लिए गंजबासौदा के राजीव गांधी जनचिकित्सालय में भर्ती किया, जहां से उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। राजकुमारी की यह पहली डिलिवरी थी। परिजनों का कहना है कि बीते सोमवार की रात को बासौदा अस्पताल से राजकुमारी को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जब लेकर पहुंचे, तो वहां डाॅक्टर्स द्वारा तीन घंटे पहले ही राजकुमारी की मौत हो जाना बताया गया। परिजनों का कहना है कि रात में ही राजकुमारी की मौत होने के बाद मंगलवार की दोपहर तक उसके शव का पीएम न होने से वे परेशान होते रहे। इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, विदिशा से जांच कमेटी बनाकर (पीएम रिपोर्ट के साथ) एक माह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।