छत्तीसगढ़ में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर लाई जा रही नई न्याय योजना की शुरुआत के लिए तारीख तय हो गई है। यह योजना 14 नवंबर यानी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती से शुरू होगी। सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है, लेकिन कृषि मंत्री रविंद्र चौबे सीधे यह बात कहने से परहेज कर रहे हैं।

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है, छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत इसी साल कार्तिक महीने की देवउठनी एकादशी से होगा। इस योजना के तहत ग्रामीण अंचल के ऐसे परिवारों को 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे, जिनके पास खेती की जमीन नहीं है। वे मनरेगा या कृषि मजदूरी से जुड़े है। धोबी, नाई, लोहार और पुरोहत-पुजारी को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। पंचांगों के मुताबिक इस साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवोत्थानी या देवउठनी एकादशी 14 नवम्बर को पड़ रही है। 14 नवम्बर को ही देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिन है, जिसे बाल दिवस के रूप में मनाने की परंपरा रही है। कृषि मंत्री इस बात को रेखांकित करने से क्यों परहेज कर गए यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया है।

अनुपूरक बजट में योजना का प्रावधान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 28 जुलाई को विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया था। इसमें राजीव गांधी भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सरकार का अनुमान है कि इस योजना से प्रदेश के 12 से 15 लाख भूमिहीन परिवारों को फायदा होगा।

राजीव गांधी की पूण्यतिथि से शुरू हुई थी किसानों की न्याय योजना
छत्तीसगढ़ में धान उत्पादक किसानों के किसान न्याय योजना की शुरुआत 21 मई 2020 से हुई थी। उस दिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पूण्यतिथि थी। योजना का नाम भी राजीव गांधी के नाम पर रखा गया। इस योजना को लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल न्याय योजना का वर्जन बताया गया था। कांग्रेस ने गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रुपए की नकद सहायता देने का वादा किया था।