नई ‎दिल्ली । भारत में मांग की तुलना में कोयले की आपू‎र्ति कम रहने के बावजूइ बीते वित्त वर्ष 2020-21 में नेपाल सहित पड़ोसी देशों को आठ लाख टन कोयले का निर्यात किया। कोयला मंत्रालय के 2020-21 के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, इसमें से सबसे अधिक 77.20 प्रतिशत कोयले का निर्यात नेपाल को किया गया। बांग्लादेश को 13.04 प्रतिशत का निर्यात किया गया। कोयला मंत्रालय ने कहा ‎कि भारत में मांग की तुलना में कोयले की आपूर्ति हालांकि कम रही, लेकिन इसके बाद भी पड़ोसी देशों को बीते वित्त वर्ष के दौरान कुछ कोयले का निर्यात किया गया। इसलिए देश को कोयले का आयात भी करना पड़ा। नेपाल को 6.18 लाख टन तथ बांग्लादेश को 1.04 लाख टन कोयले का निर्यात किया गया। कोयले का पर्याप्त आरक्षित भंडार होने के बावजूद हम अपने उत्पादन से मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। भारत में कम राख वाले उच्च गुणवत्ता के कोयले की आपूर्ति सीमित है। ऐसे में मांग और आपूर्ति के अंतर को पूरा करने के लिए देश को कोयले विशेषरूप से कम राख वाले कोयले का आयात करना पड़ता है। वित्त वर्ष 2020-21 में देश का कच्चे कोयले का आयात 21.49 करोड़ टन या 1,16,037.2 करोड़ रुपढ रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में 1,52,732.1 करोड़ रुपये के 24.85 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया था।