मुंबई। आतंकी संगठन आईएसआईएस का सदस्य बनने के बाद शनिवार को देश वापस लौटे युवक आरिब मजीद ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने कबूल किया है कि आईएस से जुड़ने से पहले तो वह इसकी विचारधारा से काफी प्रभावित था। लेकिन वहां पहुंचने के बाद उसका संगठन से मोहभंग हो गया।

राष्ट्रीय जांच दल (एनआईए) की पूछताछ में मजीद ने बताया कि उसे लड़ने के बजाय टॉयलेट साफ करने का भी काम दिया गया था। उसने कहा कि अभी भी करीब 13 भारतीय आईएस के लिए लड़ रहे हैं। मजीद का नार्को टेस्ट और लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए एनआईए कोर्ट में आवेदन देने की तैयारी में है। इन टेस्ट से कई खुलासे हो सकते हैं।

13 भारतीय अभी भी आईएस की ओर से लड़ रहे हैं
मजीद ने बताया कि आईएस की ओर से लड़ने वालों में और भी कई भारतीय शामिल हैं, जिनकी संख्या 13 हो सकती है। मजीद के साथ उसके तीन दोस्त भी आईएस में शामिल होने ईराक गए थे, जो अभी तक लौट कर नहीं आए हैं। मजीद ने भी अभी तक इनके बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी है। उसने स्थानीय लोगों के नाम भी बताए जिन्होंने इराक में युद्ध लड़ने के लिए जाने में मदद की थी।

महिलाओं से करते हैं बलात्कार
पूछताछ के दौरान मजीद ने खुलासा किया कि, वहां कोई पवित्र युद्ध नहीं हो रहा और पवित्र किताबों में लिखी बातों का भी पालन नहीं होता। आईएसआईएस के लड़ाके कई महिलाओं से बलात्कार करते हैं। लड़ाई के बारे में उसने बताया कि, लड़ने के बजाय उससे शौचालय साफ कराए जाते और पानी पिलाने का काम लिया जाता था। वहां से मोहभंग होने के बारे में मजीद ने बताया कि, गोली लगने के बाद वह जख्मी हो गया लेकिन तीन दिन तक उसका इलाज नहीं कराया गया। वह गिड़गिड़ाया तब जाकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

भारत में भी नेटवर्क
मजीद की मानें तो भारत में भी आईएस का लंबा नेटवर्क फैला हुआ है, जिसके जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आईएस में शामिल होने के लिए उकसाया जाता है। उसने बताया कि छात्रों को आईएस से जोड़ने के लिए एक समूह सक्रिय है, जिसने कई छात्रों से संपर्क किया था, मगर ईराक जाने के लिए सिर्फ चार ही राजी हुए। इसके बाद क ल्याण के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने चारों के ईराक जाने की व्यवस्था की। जांच दल अब इस नेटवर्क तक पहुंचना चाह रहा है।