कोटा । कोटा संभाग में पिछले 6 दिनों से लगातार भारी बा‎रिश हो रही हैं। इसके चलते शहर में बाढ़ की ‎स्थि‎ति बन गई है। बांध और नदियां उफान पर आ गए हैं। इस पानी में कच्चे मकान जमीदोंज होने लगे हैं। बांध लबालब हो रहे हैं। तालाबों में पानी की चादरें चल रही हैं। जानकारी के मुता‎बिक, कोटा के देवलीअरब, डीसीएम, प्रेमनगर, अनंतपुरा, वक्फनगर, श्यामनगर, छावनी, गोरधनपुरा, मानपुरा, नयानोहरा, चंद्रेशल आदि इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। प्रशासन ने बचाव के लिए रेस्क्यू दल तैनात कर रखे हैं। वहीं, कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर करीब 1 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है। चंबल के किनारे बसे गांवों के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। 
साथ ही कोटा जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने सेना को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर सैन्य टुकड़ी के लिए जरूरी संसाधनों का आग्रह किया है। फिलहाल एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, नगर निगम गोताखोर और होमगार्ड राहत बचाव दल में शामिल हैं।  मौसम ‎विभाग के मुता‎बिक, जिले में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश खातौली में दर्ज की गई है। खातौली में 280 एमएम, लाडपुरा में 225, दीगोद में 169, कोटा शहर में 157, सांगोद में 143, कनवास में 122, मंडाना में 107, चेचट में 82 और रामगंजमंडी में 78 एमएम बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश होने से चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। 
‎मौसम ‎वैज्ञा‎नियों के मुता‎बिक, चंबल सिंचाई परियोजना के जवाहरसागर बांध और कोटा बैराज डेम के कैचमेंट एरिया से भारी बारिश होने से दोनों बांधों में पानी की तेज आवक हुई है। पानी की निकासी का दौर बुधवार रात तक जारी रहा। कोटा में आलनिया, सावनभादो, रानपुर और लखावा जैस बड़े तालाबों में पानी की तेज आवक रही। चंबल के साथ पार्वती, कालीसिंध, चंद्रशेल और अमझार नदियां भारी उफान पर हैं। बरसाती नाले भी उफान पर हैं। ग्रामीण इलाकों में कैथून, इटावा, खातोली, सुल्तानपुर, दीगोद, कनवास, रामगंजमंडी आदि कस्बों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इटावा में रजोपा गांव में बुधवार को 3 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं कोटा में भी नगर निगम के बचाव दल ने 300 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया ‎है।