भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों के लिए चालू खातों के नए नियमों को लागू करने की समयसीमा बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है। पिछले कुछ दिनों में छोटे कारोबारियों के चालू खाते बंद किए जाने से उनके कारोबार पर पड़ रहे असर से जुड़ी विभिन्न रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया है। 

आरबीआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, करेंट एकाउंट के बजाय सारे लेन-देन कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट खाते के जरिए ही किए जा सकेंगे। इसके साथ ही बैंक सभी करेंट अकाउंट, कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट सुविधा वाले खातों की नियमित मॉनिटरिंग करेंगे। यह मॉनिटरिंग कम से कम तिमाही आधार पर होगी।

आरबीआई ने कहा, ''बैंकों को इन निर्देशों को उधारकर्ताओं की वास्तविक व्यावसायिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बिना किसी बाधा के लागू करने की जरुरत थी। उसने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उसे छोटे कारोबारियों से बैंक द्वारा उनके खाते बंद किए जाने की शिकायतें मिली है। 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि नए नियमों को लागू करने संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए उसे बैंकों से कुछ और समय के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं। जिसके चलते नियमों को लागू करने की समयसीमा को बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2021 कर दिया गया है।

क्या है चालू खाता

चालू खाता को कंपनियां या कारोबारी रोजाना के लेन-देन करने के मकसद से खोलते हैं। इनमें से कितनी बार भी पैसे निकाले और डाले जा सकते हैं। वहीं, ओवरड्राफ्ट एक तरह की लोन फैसिलिटी होती है। ग्राहक बैंक अपने खाते के बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं। इस रकम को तय समय में चुकाना होता है और इस पर ब्याज लगता है।