नई दिल्‍ली । वैश्विक महामारी कोरोना के घातक वायरस के  दूसरी लहर के प्रकोप ने देश में अप्रैल और मई के महीने में जो कहर ढ़ाया उससे इन दो महीनों में काफी लोगों की जान चली गई। पिछले काफी समय से ये सवाल उठाया जाता रहा है कि आखिर कोरोना से अब तक कितने लोगों की मौत हो चुकी है। यह प्रश्‍न इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि इसके जरिए ये भी जानकारी मिलती है कि सरकार की ओर से आगे ऐसी कोई घटना न हो उसके लिए किस तरह की नीति तैयार की जा रही है। 
ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि सरकार को 14 अगस्‍त को शीर्ष  कोर्ट में बताना है कि कोविड से मरने वालों के परिजनों को वह किस तरह से मुआवजा देने की योजना तैयार कर रही है। राज्‍यों की ओर से केंद्र को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इन दो महीनों में 1.69 लाख मरीजों की कोविड से मौत हुई थी। पत्रकारों की एक टीम की जांच से पता चलता है कि ये आंकड़े बेहद कम हैं। वास्तव में कोरोना से कितनी मौतें हुई हैं, इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है और इसका केवल अनुमान लगाया जा सकता है। 
कोरोना से होने वाली मौत का सही आंकड़ा जानने के लिए पत्रकारों के दल ने कई राज्‍य सरकारों से संपर्क किया। जिनमें से आठ ने बताया कि उनकी ओर से दिया गया आंकड़ा पिछले सप्‍ताह ही मुहैया कराया गया है। नागरिक पंजीकरण प्रणाली के अनुसार ये पिछले सप्ताह की सभी कोविड मौतों का लगभग एक तिहाई हिस्सा हैं। ये डाटा अब तक प्रकाशित नहीं किया गया है, लेकिन ये दर्शाता है कि इन आठ राज्यों में सभी कारणों से होने वाली मौतों की कुल संख्या अप्रैल में हुई सभी कारणों से होने वाली मौतों की 2.04 गुना है। बता दें कि ये आंकड़ा मई 2019 की तुलना पर आधारित है क्‍योंकि 2019 एक गैर-महामारी वर्ष है। यह उछाल केरल में सबसे कम 1.23 गुना से लेकर मध्य प्रदेश में 2.92 गुना तक है। यदि इन सभी मौतों में से आधिकारिक कोविड मौतों को घटा दिया जाता है, तो सभी राज्यों के लिए मौत का आंकड़ा कम हो जाएगा। कोविड से होने वाली मौत के आंकड़ों को घटाने के बाद केरल में 1.12 गुना से मध्य प्रदेश में 2.86 गुना मौतें ही दिखेंगी।  कुल मिलाकर, सभी राज्यों में ये घटकर 1.87 गुना हो जाएंगी।