जयपुर । गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार और राज्य कांग्रेस संगठन में पद नियुक्तियों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट समर्थकों में चल रही तकरार के बीच तीन दिन पहले कांग्रेस प्रभारी अजय माकन तीन दिन विधायकों मंत्रियों से वन टू वन संवाद के बाद अपनी रिपोर्ट लेकर दिल्ली पहुंच गए थे सूत्रों के अनुसार उक्त रिपोर्ट को उन्होने राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी सौप दिया है मगर इससे पहले ही हरियाणा की कांग्रेस अध्यक्ष और राष्ट्रीय कांग्रेस की कार्यकारिणी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का संदेश लेकर अचानक जयुर पहुंची और उन्होने मुख्यमंत्री अशोक  गहलोत से देर रात तक लम्बी गुप्त मुलाकात करने के बाद अलग सुबह दिल्ली रवाना हो गई। जिसकी चर्चा राज्य कांग्रेसियों में गुप्त मंत्रणा का मंतव्य क्या है के कयास शुरू हो गए है।
सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि कुमारी शैलजा को अचानक इस तरीके से गोपनीय तौर पर जयपुर आकर अशोक गहलोत से क्यों मिलना पड़ा. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की कवायद के बीच कुमारी शैलजा सोनिया गांधी का कोई खास संदेश लेकर जयपुर आई थी और जिसके जवाब में वो गहलोत का संदेश लेकर दिल्ली लौट गई है, लेकिन सवाल यह भी कि 3 दिन पहले जयपुर से दिल्ली लौटे प्रभारी अजय माकन के बाद आखिर कुमारी शैलजा को क्यों फिर से जयपुर आना पड़ा। इसके पीछे कांग्रेस के सूत्र कई वजह बता रहे हैं. कहा यह जा रहा है कि अजय माकन ने जो रिपोर्ट राहुल गांधी को सौंपी है उसमें राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की सलाह दी गई है ताकि मिशन 2023 पर काम किया जा सके. यह पुनर्गठन अशोक गहलोत की मर्जी से हो, लेकिन इसमें नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को हटाया जाए. नए चेहरों को शामिल किया जाए. पायलट कैंप के विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिले. उसके साथ साथ जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति हो विधायकों को केवल मंत्रिमंडल और संसदीय सचिव बनाया जाए. राजनीतिक नियुक्तियों में पार्टी के लिए मेहनत करने वाले नेताओं कार्यकर्ताओं को ही जगह मिले, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा केवल विस्तार करने की है. उनका कहना है कि जो विधायक मंत्री राजस्थान में बगावत के समय सरकार को बचाने के लिए साथ खड़े रहे थे उन्हें हटाना सही नहीं है। सीएम यह भी चाहते हैं कि पहले जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति हो फिर राजनैतिक नियुक्तियां हो सबसे आखिर में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाए, लेकिन अजय माकन राजस्थान में यह सब जल्द से जल्द करना चाहते हैं. उनका सुझाव है कि सबसे पहले मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल हो उसके बाद राजनीतिक नियुक्तियां की जाएं इसी कशमकशा के बीच राजस्थान में चल रही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तकरार को खत्म कराने के लिए कांग्रेस आलाकमान दोनो ही व्यक्तित्वों में सर्वमान्य फॉर्मूला लागू उन्हीं के मनमुताबिक करवाना चाहती है।