नई दिल्ली : लगातार हार और संगठन नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस में आपसी मतभेद और आरोप प्रत्यारोप बढ़ते जा रहे हैं। हालिया मामला सामने आया है देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती के आयोजन को लेकर। इस आयोजन में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुपस्थित थे। बताया जाता है कि पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद व कमलनाथ जैसे तमाम बड़े नेता नाराज हैं कि उन्हें इस आयोजन में नहीं बुलाया गया। उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में देश व दुनिया से तमाम बड़ी हस्तियों को बुलाया गया था। उस दौरान चिदंबरम, खुर्शीद, कमलनाथ, जयराम रमेश, कपिल सिब्बल, सुशील कुमार शिंदे और ए के एंटोनी जैसे नेताओं की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल खड़े हुए थे। मीडिया में मामला आने के बाद पता चला कि इन नेताओं को बुलावा नहीं भेजा गया था, जिसके कारण वे नहीं आए।

गौरतलब है कि इस पूरे आयोजन की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर थी। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर शुक्रवार को कांग्रेस बचाव की मुद्रा में सामने आई। कांग्रेस ने सफाई दी कि सभी नेताओं को बुलावा गया था। कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने साफ किया कि इस आयोजन का कार्ड सभी नेताओं को गया था। एक तरफ जहां पार्टी के कुछ नेताओं ने सफाई दी कि एंटोनी खराब तबियत की वजह से मौजूद नहीं हो सके और जयराम रमेश विदेश में थे। वहीं दूसरी ओर पार्टी के एक धड़े ने बाकायदा गैरमौजूद नेताओं की मंशाओं पर ही सवाल खड़े किए। पार्टी के सीनियर नेता का कहना था कि ये तो उन लोगों से पूछा जाना चाहिए कि वो इस आयोजन में क्यों नहीं आए। एक राय यह भी सामने आई कि यह पार्टी का आयोजन था, जिसमें बुलावे की बजाय खुद पहुंचना सबकी जिम्मेदारी थी।