अहमदाबाद | मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व में गुजरात की अनेक क्षेत्रों में गौरवशाली उपलब्धियों के ताज में एक और नगीना धोलावारी का वर्ल्ड हेरिटेज साइट में समावेश होने से जुड़ा है। यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में कच्छ के हड़प्पा कालीन सभ्यता के प्राचीन नगर धोलावीरा को स्थान दिया है। इसके साथ ही यूनेस्को ने गुजरात को चार-चार वर्ल्ड हेरिटेज साइट वाले राज्य का गौरव प्रदान किया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस घटना को पूरे गुजरात के लिए गौरवशाली क्षण करार देते हुए कहा कि भारत की प्राचीन विरासत और संस्कृति को विश्व फलक पर उजागर करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता के चलते धोलावीरा को विश्व धरोहर सूची में स्थान मिला है। नरेन्द्र मोदी ने कच्छ रणोत्सव की शुरुआत कर दुनियाभर के पर्यटन और संस्कृति प्रेमियों को कच्छ में आने के लिए प्रेरित किया साथ ही यह प्राचीनतम नगर धोलावीरा भी पुरातत्व स्थलों में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटन प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी गुजरातियों की ओर से प्रधानमंत्री का भी हृदय से आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि कच्छ के रण यानी नमक के रेगिस्तान में स्थित खडीर में बसा धोलावीरा लगभग 4500 वर्ष पुराने श्रेष्ठ सुनियोजित नगर रचना की एक अनूठी मिसाल है। इस प्राचीन नगर की इमारतों और ढांचों का निर्माण तत्कालीन हड़प्पा और मोहन जोदड़ो की तरह ही ईंट से नहीं बल्कि पत्थरों से किया गया था। इस नगर में गटर, जल संचयन एवं जल संरक्षण की भी सुनियोजित एवं सक्षम व्यवस्थाएं विकसित की गई थीं जो आज भी दृष्टांत के समान है। धोलावीरा का वर्ल्ड हेरिटेज साइट में समावेश होने से गुजरात को चार-चार विश्व धरोहर स्थलों वाले राज्य का भी गौरव मिला है। इससे पूर्व 2004 में पावागढ़ के पास चांपानेर को, 2014 में पाटण में रानी की वाव और 2017 में अहमदाबाद को विश्व विरासत शहर का गौरव मिला है। अब, 2021 में यूनेस्को ने कच्छ के धोलावीरा को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल कर विश्व विरासत के नक्शे में गुजरात को और एक बार चमकने की उपलब्धि दी है।
यूनेस्को ने कच्छ के प्राचीन नगर धोलावीरा को दिया वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा
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