हमारी पार्टी में जयवर्धन सिंह ही नहीं कई युवा नेता हैं, लेकिन जयवर्धन सिंह ने ग्वालियर चंबल संभाग में बहुत मेहनत की है। जयवर्धन को यदि हम आगे करते हैं तो वहां आज की स्थिति में कांग्रेस 70 और भाजपा 30 है। यह उपचुनाव के बाद की स्थिति है। वहां, मिलकर काम करें तो हम ऐसी स्थिति ला सकते हैं कि 2023 में सिंधिया का एक भी समर्थक जीत नहीं पाएगा। जो महापुरुष अपने 17-18 विधायकों को लेकर भाजपा में गए हैं। वे हमारी पार्टी में थे, हम उनकी आदतों को जानते हैं। वे अपने आप को दूसरों पर थोपने में माहिर हैं। वे किसी को अपना बॉस नहीं मानते, वह खुद अपने आप को बॉस मानते हैं। भाजपा में यह नहीं चलता। वहां उनका संगठन काम करता है। संगठन में और ये जो दल बदल कर गए हैं, आने वाले समय में इनके बीच टकराव और बढ़ेगा। ये बातें कांग्रेस के सीनियर नेता और विधायक लक्ष्मण सिंह ने मंगलवार को कही।

सिंह ने और क्या कहा...

  • दल-बदल को लेकर कहा: सिंह ने शिवराज सरकार को लेकर कहा कि भाजपा ने सबसे बड़ी गलती कमलनाथ सरकार को गिराकर की है। सारे विधायकों को किस प्रकार से अपने पक्ष में किया यह सबको पता है। उप चुनाव के नतीजे भले ही भाजपा के पक्ष में आ गए हैं और वह कैसे आए हैं। आप से छुपा नहीं है। इससे भाजपा में जो दरार पड़ी है। जो भाजपा में समर्पित भाव से काम कर रहे हैं, उनसे पूछिए।
  • खाद और बिजली को लेकर कहा : बिजली संकट इसलिए है, क्योंकि बिजली आवश्यक है। उसे निजी क्षेत्र को पूरी तरीके से सौंप दिया है। महंगी बिजली खरीदने का अनुबंध कर रहे हैं। नुकसान पटाने के लिए जनता को बड़े-बड़े बिल दिए जा रहे हैं। कांग्रेस शासन में बिल कम हो गए थे। खाद की परेशानी पैदा की जाती है। पहले से प्लानिंग कर खाद को भेज दिया जाए तो परेशानी नहीं आएगी। भाजपा के शासनकाल में नकली खाद ज्यादा पैदा होती है। खाद और बिजली की परेशानी भाजपा की सरकार रहेगी तो यह रहेगी। कांग्रेस आएगी तो कम हो जाएगी।
  • नगर निगम चुनाव को लेकर कहा : नगर निगम का चुनाव बाद में आता है। पहले तीसरी लहर की चुनौती का सामना करना जरूरी है। दूसरी लहर में हम तैयार नहीं थे। ऑक्सीजन की कमी थी, अस्पतालों में बेड नहीं थे। किसी को आभास नहीं था कि यह लहर इतनी तेजी से आएगी। अभी इस बात का मुझे संतोष है कि तीसरी लहर की तैयारियां ठीक हो रही हैं। ऑक्सीजन प्लांट अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं। सितंबर के आखिरी तक चुनाव की चर्चा नहीं करें। बड़ी चुनौती तीसरी लहर से बचना है। हमें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। नहीं तो तीसरी लहर भी घातक होगी। यहां पर प्रोटोकॉल के पालन में कई कमियां देखी हैं।
  • कमलनाथ की लीडरशिप को लेकर कहा : कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हैं और रहेंगे। उनकी वरीयता को देखते हुए हाईकमान उन्हें काम सौंपता है। उनकी ऊर्जा की मैं तारीफ करता हूं। इस उम्र में भी पार्टी को ऊर्जावान नेतृत्व मिला है। आने वाले चुनाव में कांग्रेस जीतेगी। अध्यक्ष बदलाव की जरूरत अभी नहीं है और उनके नेतृत्व में कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाएगी। युवा, छात्र और महिलाओं की टीम बनाकर काम करना शुरू कर दिया है। आने वाले उपचुनाव में हम जरूर जीतेंगे। भाजपा संस्कार की बात करती है। वे खुद के भीतर संस्कार डालें और सीनियर नेताओं का सम्मान करें।
  • विधानसभा उपचुनाव को लेकर कहा: इस बात का दुख है कि हमने अपने साथियों को खो दिया है। हमने जिन नेताओं को खोया है वे काफी लोकप्रिय नेता थे। चाहे फिर कलावती भूरिया हों या विजेंद्र जी। उनके प्रति लोगों के मन में जो भावना है, वह कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। रहा सवाल लोकसभा का तो अरुण यादव हमारे वहां के स्थापित नेता हैं और उन्हें बधाई देता हूं कि उन्होंने चुनौती को स्वीकार करने के लिए अपना नाम दिया है। वहां से चुनाव लड़ने के लिए फिलहाल पार्टी फैसला करेगी।
  • शराब माफियाओं को लेकर कहा: जहरीली शराब से पहले भी कई मौतें हो चुकी हैं। कई सालों से यह चल रहा है। इसका कारण यह है कि ऐसी शराब नीति की मुट्ठी भर लोग ही शराब का व्यापार करेंगे, बाकी कोई नहीं करे। इसी के चलते जहरीली शराब बन रही है। किसी भी देश में जहरीली शराब से मौत नहीं होती है। राजस्थान लगा हुआ है, वहां की शराब नीति है, वह विकेंद्रीकृत नीति है। वहां पर सरलता से लाइसेंस मिल जाता है। वहीं, मध्यप्रदेश में जो शराब नीति है, वह मुट्ठीभर लोगों के लिए ही हैं। उन्हीं के हाथों में है। शराब नीति में बदलाव के बाद ही जहरीली शराब से होने वाली मौत को रोका जा सकता है। इंदौर में अभी जो गोलियां चलीं, पॉलिसी चेंज होने पर इसमें भी कमी आएगी। यह मेरी अपनी राय है। ओपन पॉलिसी होने से रोजगार भी बढ़ेंगे।
  • ममता बनर्जी को लेकर कहा: ममता हमारी पार्टी में सांसद रहीं। वे हिम्मत वाली महिला हैं। वे राष्ट्रीय स्तरीय की नेता हैं। कमलनाथ से भेंट को लेकर पूर्व सांसद ने कहा कि दो विचारधारा वाली पार्टी एक साथ आए तो आने वाले समय में अच्छा विकल्प रहेगा। ऐसे में 2024 में परिवर्तन जरूर दिखेगा।
  • कमलनाथ सरकार गिरने को लेकर कहा: सिंधिया समर्थक 14-15 मंत्री बनाए गए थे। वे मंत्री पहले भी थे, चले गए फिर भी मंत्री ही बने हैं तो फिर फर्क क्या है। 14 मंत्री बनाए थे, कमलनाथ इससे ज्यादा और क्या करते। कोई अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली करके यह तो नहीं कह देगा की आओ बैठ जाओ। शिवराज सिंह ने भी ऐसा नहीं किया। जैसे यहां थे, वैसे ही वहां हैं, बल्कि वहां जाने से आने वाला 2023 का चुनाव बताएगा कि उन्हें कितना नुकसान हुआ है। उपचुनाव में तो लोगों काे पता था कि भाजपा सरकार बना लेगी। इन्होंने चुनाव के समय गरीब तबके को डराया कि आपका राशन कार्ड बंद कर देंगे। इस कारण कोरोना से डरे लोगों से उन्हें वोट मिल गया, पर अब ऐसी स्थिति नहीं बनने वाली।
  • जम्मू कश्मीर को लेकर कहा: अनुच्छेद 370 हटने को लेकर कहा कि धारा हट तो गई। अब वह लागू होगी नहीं, इसलिए उस पर बात करना व्यर्थ है। कश्मीरी पंडितों को वहां बसाना बहुत आवश्यक है, क्योंकि जम्मू कश्मीर के विकास में कश्मीरी पंडितों का बहुत बड़ा रोल रहा है। जिस प्रकार से उन्हें वहां से भगाया गया, उनकी संपत्ति छीन ली गई। उनके साथ क्या-क्या नहीं हुआ। उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ। भाजपा का यह पुराना वादा भी है, वे इसे कैसे पूरा करते हैं वे करें। कश्मीरी पंडितों को उनका हक दिलाएं। कश्मीर में कभी हिंदू-मुस्लिम मिलकर रहा करते थे। 90 के दशक के बाद वहां के हालात बदले हैं। इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।
  • दिग्विजय सिंह को लेकर कहा : कमलनाथ सरकार दिग्विजय सिंह की महत्वकांक्षा के कारण गई है। इस प्रकार की अफवाह क्यों फैलाई जा रही है, यह मुझे नहीं पता। दिग्विजय सिंह की महत्वकांक्षा और क्या होगी। वे 10 साल सीएम रहे। सांसद हैं, परिवार के लोग पदों पर हैं। उनकी बस एक ही महत्वकांक्षा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के साथ धोखा हुआ है। हर कार्यकर्ता के साथ-साथ उनका भी यही सोचना है।