नई दिल्ली/मुंबई/भोपाल । पिछले कुछ दिनों से बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से कई राज्यों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। सबसे अधिक प्रभाव महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मप्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के सतारा और रायगढ़ जिलों में 53 मृतकों के मिलने के बाद बाढ़ और भूस्खलन के साथ भारी वर्षा की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 228 पहुंच गई है। जबकि 32 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य सरकार का कहना है कि इन घटनाओं में 50 लोग घायल भी हुए हैं। कर्नाटक और गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया है।
पश्चिमी महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र के प्रभावित जिलों से कुल 2,29, 074 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सरकार ने कहा कि अभी तक रायगढ़ में 60 व्यक्तियों की मौत हुई है। रत्नागिरी में 21, सतारा में 41, थाने में 12, कोल्हापुर में 7, मुंबई के उपनगरीय क्षेत्रों में 4 और सिंधुदुर्ग व पुणे में एक एक मौत हुई है। कुल मिलाकर कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे में 875 गांव मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए हैं।
कर्नाटक के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी
कर्नाटक के कई हिस्सों में भारी वर्षा जारी है। कृष्णा, घाटप्रभा, भद्रा, तुंगा और दूसरी नदियां पूरे वेग के साथ बह रही हैं। अभी तक पूरे राज्य में अलग अलग घटनाओं में 9 लोग अपनी जानें गंवा चुके हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में अनेकों मवेशी बह गए हैं। अभी तक कर्नाटक के 283 गांव बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार अगले एक सप्ताह तक भारी वर्षा की संभावना है।
गुजरात में बारिश से तबाही
पिछले 24 घंटों में गुजरात में हलकी से लेकर भारी बारिश की सूचनाएं हैं। जिसकी वजह से किसानों ने राहत की सांस ली है। रविवार को सौराष्ट्र, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात में भारी वर्षा हुई। पिछले 12 घंटों में कुल मिलाकर 209 तालुका में बारिश हुई। सबसे ज्यादा 7.25 इंच बारिश छोटाउदयपुर और राजकोट के लोधिका में हुई। कलावाद में 6 इंच और कापरड़ा में 5 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गयी। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी गुजरात, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात में भारी से लेकर अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है।
मप्र की नदियां उफनी, कई डैम लबालब
मप्र में बारिश का दौर जारी है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम सहित प्रदेशभर में लगातार 2 दिनों से बारिश हो रही है। लगातार और तेज बरसात की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी भोपाल में दो दिन में 2 इंच बारिश हो चुकी है। विदिशा में नटेरन तहसील में नहर फूटने से सेऊ गांव पानी से घिर गया। रतलाम अंचल में बारिश लगातार जारी है। जिलेभर के साथ ही जिला मुख्यालय पर भी जोरदार बरसात हो रही है। रतलाम में जारी लगातार बारिश के दौरान कई दिक्कतें सामने आने लगी हैं। लगातार बारिश के कारण अब कई घरों में पानी घुस गया है। उज्जैन और इंदौर में भी लगातार बारिश से बुरा हाल है। पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश से उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। बढ़ते जलस्तर के कारण नदी पर बना छोटा पुल पानी में डूब गया है। बारिश से रामघाट स्थित मंदिर जलमग्न हो गए हैं। रामघाट पर होमगार्ड के सैनिक तैनात कर दिए गए हैं। नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल के अनुसार शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ते देख सुरक्षित इलाकों के रूप में धर्मशाला और स्कूलों को सुरक्षित किया गया है।
इन जिलों में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने ग्वालियर, चंबल, आगर, नीमच, मंदसौर और टीकमगढ़ संभागों में कहीं-कहीं अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, सागर और रीवा में रिमझिम बारिश होने की संभावना है।
बीते चौबीस घंटों के दौरान रतलाम में 5 इंच, शाजापुर में 4 इंच, पचमढ़ी, खंडवा और उज्जैन में 2-2 इंच, खरगोन, नौगांव, भोपाल, सागर, धार में करीब एक-एक इंच बारिश हो चुकी है। इधर, होशंगाबाद, इंदौर, ग्वालियर, गुना, जबलपुर, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया, रायसेन और खजुराहो में करीब आधा-आधा इंच तक पानी गिर चुका है।
नर्मदा में 24 घंटे में साढ़े 3 फीट पानी बढ़ा
होशंगाबाद के सेठानी घाट पर नर्मदा नदी के जलस्तर में साढ़े तीन फीट की बढ़ोतरी 24 घंटे में हुई है। यहां पर नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान ( 967 फीट) से 28 फीट कम है। यहां 964 फीट जलस्तर होने पर खतरे का अलॉर्म बजा दिया जाता है। बारना, तवा और बरगी डैमों के गेट एक साथ खोले जाने पर नर्मदा खतरे के निशान पर पहुंच जाती है।
गुना में पार्वती नदी उफान पर
जिले में लगातार हो रही बारिश से पार्वती नदी उफान पर आ गयी है। हर बार की तरह इस बार भी बमोरी क्षेत्र के कई गांव का संपर्क जिले से टूट गया है। यह गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं। एक बार फिर प्रशासन की बारिश पूर्व की तैयारियों पर सवाल खड़ा हो गया है।
प्रदेश के डैमों की यह स्थिति
तवा डैम: 4.70 फीट जलस्तर बढ़ा है। डैम का फुल टैंक लेवल 1166 फीट है। वर्तमान में जलस्तर 1143.90 फीट है।बरगी डैम: 24 घंटे में बरगी डैम का जलस्तर 3 फीट तक बढ़ गया है। इसका फुल टैंक लेवल 1387 फीट है। अभी 1363 फीट भर गया है। कोलार डैम: बारिश से डैम में 2 फीट पानी बढ़ चुका है। 19 जुलाई तक डैम में 1480 फीट पानी था, जो 26 जुलाई की सुबह 1482 फीट हो गया। केरवा डैम: इसका जलस्तर 5 फीट तक बढ़ा है। 3-4 दिन की बारिश में यह कमाल हुआ है। बारिश से पहले जलस्तर 1651 फीट था, जो सोमवार सुबह 8 बजे तक 1656 फीट हो गया। कलियासोत डैम: डैम का फुल टैंक लेवल 1659 फीट है। वर्तमान में 1645 फीट पानी भरा है। 1 फीट की बढ़ोतरी हुई है। बारना डैम: मामूली बढ़ोतरी हुई है। इसकी क्षमता 1143.53 फीट है। अभी जलस्तर 1127 फीट है।
बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से चार राज्यों में भारी तबाही
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