विश्व कल्याण हेतु सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण अनुष्ठान 
 
जय श्री महाकाल ट्रस्ट द्वारा महाकाल की नगरी उज्जैन से शुभारंभ  होकर... विश्वव्यापी पार्थिव शिवलिंग निर्माण का शंखनाद भूटान से...। 


उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन से प्रयागराज के जय श्री महाकाल ट्रस्ट द्वारा पार्थिव शिवलिंग  महायज्ञ अभियान की यात्रा प्रारंभ होने के बाद भूटान में हुआ शंखनाद ....पार्थिव शिवलिंग निर्माण महायज्ञ का भव्य शंखनाद भूटान में जय श्री महाकाल ट्रस्ट (प्रयागराज) द्वारा किया गया।
ट्रस्ट के संरक्षक ओर अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान शिव एवं माँ नर्मदा को समर्पित कर चुके नर्मदा पुत्र राजेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि जिसका कोई नहीं, उसका भी शिव सहारा हैं ,जो भगवान महाकाल की शरण में आ जाता है उसके सभी कार्य प्रभु स्वयं बनाते हैं। ऐसा प्रत्येक मानव को विश्वास करना होगा। उस मनुष्य के सभी कार्य हो जाते हैं जो प्रभु की शरण में पहुंच जाता है। उनका लोक परलोक सब अच्छा हो जाता है, भगवान शिव मात्र जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं. अपनी नर्मदा परिकर्मा  पैदल  पूर्ण कर चुके श्री राजपूत ने आगे कहा की भगवान शिव सनातन संस्कृति के प्रणेता आदिदेव महादेव महाकाल हैं।भगवान शिव के बिना मानव सभ्यता व संस्कृति का अस्तित्व नहीं है , हर घर गाय हो इस विषय को लेकर गांव-गांव जन जागरण करने वाले नर्मदा भक्त भाजपा नेता  राजेंद्र सिंह राजपूत ने बतया पार्थिव शिवलिंग निर्माण महायज्ञ ,रुद्र अभिषेक का भव्य आयोजन करने एवं भारतीय संस्कृति का परचम पुरे विश्व में लहराने हेतु  पड़ोसी देश भूटान के बाद,   म्यांमार , श्रीलंका , नेपाल ,  इंडोनेशिया के बाली द्धीप में पार्थिव शिवलिंग महायज्ञ का आयोजन शिव  भक्तो के साथ शुरू किया जायेगा  ,असम विधानसभा चुनाव में अपनी  महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजपूत  उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर ध्यान देने के साथ में, कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है।

पार्थिव शिवलिंग के निर्माण, पूजन, विसर्जन का है पौराणिक महत्व

जय श्री महाकाल ट्रस्ट (प्रयागराज) के अध्यक्ष महंत पंडित पवन द्विवेदी ने बताया कि शिवपुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताया गया है। कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव पूजन शुरू किया था। प्रभु  श्री राम ने भी लंका पर जीत पाने और रावण के साथ युद्ध करने से पहले पार्थिव शिवलिंग की पूजा की थी। शनिदेव ने भी सूर्य से ज्यादा शक्ति पाने के लिए काशी में पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान महादेव की पूजा की थी। शिव महापुराण के अनुसार पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है। वहीं मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। 
ट्रस्ट के संरक्षक श्री राजपूत का कहना है की इस आयोजन सारा श्रेय देश के  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं  अन्तराष्ट्रीय महाकाल के भक्तो को जाता है।