जयपुर. राजस्थान में पोटाश (Potash) खोज और खनन में निवेश बढ़ाने के लिए रोड शो के आयोजन होंगे. पोटाश की खोज व खनन क्षेत्र में निवेशकों को लाने के लिए दिल्ली मुंबई, बैंगलोर और कोलकता में ये रोड शो (Road Show) आयोजित किये जायेंगे. देश में राजस्थान पहला और अकेला ऐसा प्रदेश है, जहां पोटाश के अथाह भण्डार मिले हैं. अब इनके दोहन के लिए आधुनिकतम सोल्युशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा. राज्य सरकार का फोकस है कि पोटाश से प्रदेश राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले सकें.

राजस्थान के खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रोड शो का आयोजन आरएसएमएमएल, एमईसीएल, माइंस विभाग द्वारा फिक्की, सीआईआई, एफआईएमआई के सहयोग से किया जाएगा. राज्य में पोटाश के भण्डारों के अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर माइंस विभाग, आरएसएमएमएल और मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के बीच त्रिपक्षीय करार हुआ है.


पोटाश के अधिकतम दोहन के लिए आधुनिकतम तकनीक
डा. अग्रवाल ने बताया कि देश में राजस्थान पहला और अकेला ऐसा प्रदेश है जहां पोटाश के अथाह भण्डार मिले हैं. अब इनके दोहन के लिए आधुनिकतम सोल्युशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा. उन्होंने एमईसीएल को प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने के भी निर्देश दिए हैं. वहीं जी 3 स्तर के दो ब्लाकों की नीलामी प्रक्रिया आरंभ करने और खोज कार्य जारी रखने को कहा है.

राजस्व के साथ मिलें युवाओं को रोजगार के अवसर
राज्य में उपलब्ध पोटाश भण्डारों के लिए विशेषज्ञों का अनुमान है कि इनसे देश की पोटाश की आवश्यकता की पूर्ति तो होगी ही. इसके साथ ही विदेशों से आयात पर निर्भरता भी कम होगी. इस मामले में राज्य सरकार का फोकस है कि पोटाश से प्रदेश राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले सकें. यह एक बड़ा मौका है, जिससे गंवाया नहीं जाना चाहिये.