भोपाल ।   रिमझिम बारिश के साथ रविवार को देवों के देव महादेव के प्रिय श्रावण मास की शुरुआत हुई। श्रावण मास का आरंभ श्रवण नक्षत्र से हुआ, वहीं दोपहर बाद 3 बजकर 27 मिनट तक आयुष्मान योग पड़ा। ये योग रोगों से छुटकारा दिलाने के साथ ही भक्तों को लंबी आयु प्रदान कराता है। सावन की शुरुआत होते ही शहर के विभिन्न मंदिर और शिवालयों को रंगाई पुताई के साथ सजाया गया है।
मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। श्रावण मास में भगवान आशुतोष की पूजा का विशेष महत्व है, जो भक्त प्रतिदिन नियमपूर्वक पूजा न कर सके, उन्हें श्रावण मास में शिव पूजा और व्रत रखना चाहिए। इस महीने जितने भी सोमवार होते हैं, उन सबमें शिवजी का व्रत किया जाता है। श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवालयों में पहुंचते हैं। श्रावण मास शुरू होते ही शिवालयों में तैयारियां की गईं। कोरोना के कारण शासन के निर्देश पर पिछले साल सावन में शिवालय बंद थे, लेकिन इस बार मंदिर खुलें रहने से भक्तों में काफी उत्साह है । इसी कारण मंदिर प्रबंधन द्वारा सावन की खांसी तैयारिया की गई हैं। इस बार के सावन का खास महत्व है। सावन रविवार 25 जुलाई को जहां शुरू हो गया है, वहीं रविवार के ही दिन 22 अगस्त को समाप्त भी होगा।
रविवार से शुरु रविवार को समापन
पूरे सावन माह में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक होगा। सावन माह का प्रमुख और जलाभिषेक का दिन 26 जुलाई है। सावन के पहले सोमवार को, दो अगस्त सावन का दूसरे सोमवार को नौ अगस्त, सावन के तीसरे सोमवार को 13 अगस्त नागपंचमी, 16 अगस्त सावन के चौथे सोमवार को और 22 अगस्त रक्षाबंधन पर्व के दिन अनुष्ठान होगा। सावन सोमवार का व्रत विशेष तौर पर सुयोग्य वर के लिए कन्याएं और अखंड सौभाग्यवती होने के लिए सुहागिनें रखती हैं।