नई दिल्ली। एआइबीए जहां एक तरफ भारतीय महिला मुक्केबाज सरिता देवी पर एशियन गेम्स के दौरान पदक लौटाने पर कड़ी सजा सुनाने की तैयारी में है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय मुक्केबाज का एक चमकता नाम सरिता देवी के पक्ष में आगे आया है। ये मुक्केबाज हैं विजेंद्र सिंह जिनके मुताबिक एआइबीए को सरिता देवी पर प्रतिबंध लगाने के बजाय अपने अधिकारियों पर ध्यान देने की जरूरत है।

अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी का संचालन करने वाली एआइबीए के अध्यक्ष चिंग कुओ वू ने जहां ये कहा है कि सरिता देवी को इतनी कड़ी सजा दी जाएगी कि वो अपने करियर को अब खत्म ही मान सकती हैं, वहीं दूसरी तरफ इससे निराश भारतीय स्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह एआइबीए को नसीहत देने से नहीं चूके। विजेंद्र ने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि उसने (सरिता देवी) ऐसा बर्ताव क्यों किया था। एक मुक्केबाज के तौर पर मैं जानता हूं कि आपसे जीत छीनने पर कैसा महसूस होता है। वो सिर्फ एक निराशाजनक हार पर एक संवेदनशील प्रतिक्रिया थी। एशियन गेम्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर चार आने के लिए चार साल की कड़ी मेहनत और तैयारी लगती है। ऐसे में अगर विरोधी मुक्केबाज पर हावी होने के बावजूद आपको पता चले कि आप हार गए हो तो इससे किसी को भी बुरा लगेगा और कोई भी टूट जाएगा। इस मामले में मैं पूरी तरह से उनके (सरिता देवी) साथ हूं। एआइबीए को अपने जजों और रेफरी पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है और सरिता को माफ करके अपने सिस्टम में सुधार करने की जरूरत है।'