बेंगलुरु : महिलाओं के साथ देश में हो रहे दुराचार की हद अब सेंट्रल जेल तक पहुंच चुकी है. कुछ ऐसी ही शर्मनाक घटना कर्नाटक की सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदियों के साथ भी हो रही है. जेल की महिला कैदियों दो चिट्ठियां लिखकर बताया है कि जेल वॉर्डन उन्हें पुरुष कैदियों से जबरन सेक्स के लिए मजबूर करती है. इन चिट्ठियों में महिला कैदियों ने बताया कि वॉर्डन महिलाओं से सेक्स के एवज में पुरुष कैदियों से 300 से 500 रुपए वसूल करती है. यह दोनों चिट्ठियां जेल की शिकायत पेटिका में एक जज को मिलीं, जिसे जज ने कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेज दिया. हालांकि जेल प्रशासन ने सभी आरोपों को नकार दिया है.
इन चिट्ठियों में महिलाओं ने लिखा है कि जेल में महिला कैदी सुरक्षित नहीं है, अगर वे सेक्स करने से मना करती हैं तो उन्हें उनके परिजनों से मिलने नहीं दिया जाता. इसके अलावा चिट्ठी में एक महिला कैदी का जिक्र भी है, जिसके बारे में पीड़ित ने लिखा है कि इसका जेल के भीतर आतंक है. चिट्ठी के मुताबिक, कैदी नंबर 144 पद्मावती कैदियों के परिजनों से मिलनेवाले खाने के सामान को छीन लेती हैं और कोई महिला कैदी उसे सामान देने से मना करती है तो वह उसे बुरी तरह से पीटती है.
हाल ही में आए एक रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल जेल में कुल 131 महिला कैदी हैं. इनमें से 15 महिला कैदी सश्रम कारावास, 3 महिला कैदी सामान्य कारावास और 89 महिलाएं अंडरट्रायल, जबकि 8 नारकोटिक्स अपराध में अपनी सजाएं काट रही हैं. इनके अलावा चार युवतियां (19 से 23 साल की) और 12 विदेशी महिला कैदी भी हैं, जिन्हें आम तौर पर होसुर रोड जेल में रखा जाता है.
वैसे आपको बताते चलें कि नियमित अंतराल पर इस तरह की खबरें आती रहती हैं. कभी-कभी तो आरोप जेल अधीक्षक अथवा जेलर पर ही लगाया जाता है. मामले में जांच की जाती है और मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाता है. ऐसे में यह समझ नहीं आता कि क्या कैदीयों के लिए मानवाधिकार नहीं है. क्या ऐसे मामले में शामिल होनेवाले आरोपियों के खिलाफ जेल अधिनियम के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती. उत्तर शायद नहीं. तभी तो ऐसे खबरें आए दिन आती रहती हैं.
कर्नाटक सेंट्रल जेल में महिलाओं के साथ किया जाता है SEX
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