सुप्रीम कोर्ट ने दमोह जिले की पथरिया विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह को जमानत देने से मना कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में गुरुवार को MP हाईकोर्ट के आदेश को भी खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में दोहरी न्यायिक व्यवस्था नहीं हो सकती है, जहां एक अमीर, शक्तिशाली और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के लिए हो और दूसरी आम आदमी के लिए।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने कहा, राज्य शासन गोविंद सिंह को बचाने की कोशिश कर रहा है, जबकि वह हत्या का आरोपी है। वहीं हाईकोर्ट का आदेश भी न्याय की पवित्रता को बनाए रखने में विफल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गोविंद सिंह को दूसरी जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है, ताकि जिला न्यायालय की न्यायिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता प्रभावित न हो।
देवेंद्र चौरसिया के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि गोविंद सिंह जमानत पर रहते हुए हत्या के कई मामलों में शामिल था। पुलिस आरोपी को उसकी पत्नी के प्रभाव से बचा रही है। इससे पहले शीर्ष अदालत के आदेश पर फरार चल रहे गोविंद को पुलिस ने 28 मार्च को गिरफ्तार किया था। 2019 में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या हुई थी। उस समय पुलिस ने गोविंद और कुछ अन्य आरोपियोंं के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की सुरक्षा के लिए चिंता जताई है। अदालत ने निर्देश दिया कि उनके आरोपों की एक महीने के भीतर जांच की जाए। एएसजे ने 8 फरवरी को कहा था कि दमोह पुलिस अधीक्षक और उनके साथियों ने उन पर दबाव डाला।