गोपालगंज : संपर्क यात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गोपालगंज और सीवान पहुंचे. कार्यकर्ताओं के विशाल समूह को संबोधित करते हुए वे पूरे रंग में नजर आ रहे थे. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की वादाखिलाफी को उन्होंने बड़े सलीके से उजागर किया. साक्ष्य के तौर पर अपने साथ प्रधानमंत्री के वादों के टेप भी लाये थे. बात चाहे देश की सुरक्षा की हो या फिर काला धन वापस लाने की, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ हसीन सपने दिखा कर लोगों को गुमराह किया है. जब जैसा, तब तैसा की भाषा बोलते हुए समाज के हर वर्ग को ठगा है.

दोनों जगहों पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था, अब सरकार कहती है कि एक साल तक कोई बहाली नहीं होगी. प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 56 इंच का सीना है, तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं देते.

प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर लगातार हमला किया जा रहा. जिस दिन चीन के राष्ट्रपति दिल्ली आते हैं, उसी दिन चीन की सेना भारत की सीमा में प्रवेश करती है. कहां गया वह 56 इंच का सीना? विरोधियों को पाकिस्तान भेजनेवाले बयान बहादुर को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया है. गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कि मोदी ने सत्ता के लिए देश की जनता को ठगा है. हम विकास के लिए वोट मांगते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि काला धन का पैसा  आते ही देश के प्रत्येक गरीब को 15-20 लाख रुपये ऐसे ही मिल जायेंगे. छह माह बीत गये.

अब काला धन पर वे ‘मन की बात’ में कहते हैं कि न तो काले धन की सही जानकारी मुङो है, न ही इस देश को है और न ही इस देश के पहले वाली सरकार को थी. उन्होंने चुनाव में बिहार को स्पेशल स्टेट्स, स्पेशल पैकेज, बिहार की भलाई के लिए प्राथमिकता देने की बात कही थी. छह माह बीत गये, लेकिन कोई हरकत नहीं. ऊपर से इंदिरा आवास के छह लाख के कोटे को घटा कर दो लाख कर दिया गया. मनरेगा में कटौती की गयी. श्रम बजट में भारी कटौती कर मजदूरों की स्थिति को बिगाड़ने का काम किया गया. प्रधानमंत्री सड़क योजना की राशि को रोक दी गयी.

एनएच की हालत आपसे छुपी नहीं है. 4200 किलोमीटर एनएच का अधिग्रहण करना था. 2200 किलोमीटर को अधिगृहीत किया गया. शेष बचे 1700 किलोमीटर सड़क की मरम्मत राज्य सरकार करा रही है. बिहार में सड़क के लिए  8.75 करोड़ राशि मंजूर की गयी. उनके ही वित्त मंत्री सुशील मोदी तथा पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव थे. उनके कहने पर 1000 करोड़ एनएच की मरम्मती में राज्य सरकार ने  खर्च किये. वह राशि केंद्र सरकार ने नहीं दी. अगर नहीं दे सकते विशेष पैकेज, तो एनएच पर खर्च बिहार का एक हजार करोड़ तो वापस कर दें. कार्यक्रम को प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, विधायक मंजित कुमार सिंह, अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय, राम सेवक सिंह, विधान पार्षद सुनील सिंह, जिलाध्यक्ष सदानंद सिंह, उपाध्यक्ष आदित्य शंकर शाही, अनिल कुमार मिश्र, राघो सिंह, फरहद अब्बास, प्रमोद पटेल, अरविंद पटेल ने संबोधित किया. जबकि कार्यक्रम का संचालन ललन मांझी ने किया.

वहीं सीवान के गांधी मैदान में आयोजित राजनैतिक सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने पर  जनआकांक्षाओं का आदर करते हुए हमने इस्तीफा दे दिया. उस दौरान परिणाम आते ही इस्तीफा मांगने वाले भाजपा के लोगों ने मेरे इस्तीफा को नाटक बताया. जब हमने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया तो वे लोग कहने से नही थक रहे हैं,कि नीतीश कुमार रिमोट से सरकार चला रहे हैं. हमने हमेशा सिद्धांत की राजनीति की है. हमने जब महसूस किया कि अब यह अटल जी की नहीं, अब नये अवतार में भाजपा ढल रही है तो सिद्धांतों के लिए देश हित में गंठबंधन तोड़ा. अब भाजपा केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार विकास के लिए जरूरी होने का राग अलाप रही है.

जब केंद्र में दस वर्ष तक विरोधी सरकार थी, तो हमने गर्त में खड़े राज्य को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कार्यकर्ताओं से एक बार फिर देश को नयी राजनीतिक दिशा देने के लिए उठ खड़ा होने का आह्ववान किया तथा इसके लिए संगठन को मजबूत बनाने के लिए हर कदम बढ़ाने की अपील की. सभा को पीएचइडी मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, विधायक कविता सिंह, श्याम बहादुर सिंह, एमएलसी शिव प्रसन्न यादव, पूर्व मंत्री अवध बिहारी चौधरी, इंद्रदेव प्रसाद, मनोज सिंह, कार्यक्रम प्रभारी मनोरंजन गिरि ने संबोधित किया. सभा का संचालन पार्टी जिलाध्यक्ष मुतरुजा अली कैसर ने किया.