जज का फर्जी फैसला बनाकर IAS अवॉर्ड लेने के मामले में जेल में बंद संतोष वर्मा अपनी बैरक में खुद झाड़ू लगा रहा है। संतोष वर्मा के जेल में 2 दिन बड़ी मुश्किल से अपनी रात बिताई है। रात भर वह सो नहीं रहा है। सिर्फ करवटें बदलते नजर आ रहा है। इसी बैरक में उनके साथ निलंबित आबकारी अधिकारी पराक्रम सिंह चंद्रावत भी है। फर्जी आईएएस अफसर को कोर्ट ने शनिवार को 30 जुलाई तक जेल भेज दिया है।
आरोपी आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा जेल में बंद रहते हुए अपने बैरक की सफाई समेत अन्य काम खुद करता है। जब जेलकर्मियों ने उसे झाड़ू लगाने से रोका, तो उसका कहना था कि वह घर में भी झाड़ू खुद ही लगाता था। इसलिए बैरक में सफाई करने में उसे कोई परेशानी नहीं है। बता दें, जेल में आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को अन्य कैदियों से दूर रखा गया है। कोरोना वायरस के कारण जेल में नए कैदी को पहले क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाता है। उसमें 18 अन्य कैदी भी शामिल हैं।
IAS वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने जज की शिकायत पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था। इसके बाद एमजी रोड पुलिस द्वारा दो बार संतोष वर्मा की रिमांड लेकर उन्हें जिला जेल भेज दिया गया है।
क्यों बनाया फर्जी आदेश
राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट करने के अधिकारी की जांच की जाती है। मामूली अपराध होने पर IAS अवॉर्ड रुक जाती है। ऐसे में वर्मा के खिलाफ दो केस लंबित होने की जानकारी DPC को मिलती तो उन्हें अपने सेवाकाल में कभी IAS अवॉर्ड होता ही नहीं, इसलिए उसने फर्जी आदेश बनाकर DPC के सामने लगा दिया।