नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा को लेकर मचे बवाल पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डाक्टर सुरेंद्र जैन ने दोनों राज्य सरकारों से कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा को स्थगित करने पर पुनर्विचार करने की मांग की है। सुरेंद्र जैन का कहना है कि कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। इसमें देश की एकता झलकती है। विहिप नेता ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार कोरोना अनुशासन के तहत कांवड़ यात्रा शुरू करने का काम करे। सुरेंद्र जैन ने कहा कि न्यायपालिका को अपने फैसले में चयनात्मक नहीं होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों की धार्मिक आस्था उपेक्षा करने के बजाय, राज्य सरकारों और सुप्रीम कोर्ट को स्थिति को नियंत्रित करने के तरीके खोजने चाहिए। विहिप नेता ने यह भी बताया कि अभी कुछ प्रतिबंधों के साथ जगन्नाथ यात्रा की अनुमति दी गई थी। दूसरी तरफ ईद उल अजहा (बकरीद) से पहले, केरल सरकार ने राज्य में सप्ताहांत के लाकडाउन से तीन दिन की रियायत की घोषणा की है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सावधानियों का पालन करते हुए जगन्नाथ यात्रा नहीं हुई। क्या केरल सरकार ने बकरीद को कुछ ढील के साथ अनुमति देने का फैसला नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के संबंध में भी ऐसा किया जा सकता था, लेकिन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्री संघों के साथ बातचीत करने व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शनिवार को यात्रा बंद करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में शिवभक्त पैदल या अन्य साधनों से हरिद्वार में गंगा से अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए यात्रा करते हैं, यह 25 जुलाई से शुरू होने वाली है। इसे रोके जाने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।