मुरादाबाद । हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को अपने पश्चिमी यूपी के दौरे के दौरान अजब समस्या का सामना करना पड़ा। ओवैसी गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा होते हुए संभल और मुरादाबाद में सियासी आयोजनों में शामिल हुए। मुरादाबाद में वह कुछ देर होटल में आराम करना चाहता थे, लेकिन बीजेपी नेता के फाइव स्टार होटल में उनको कमरा नहीं दिया गया। हालांकि एआईएमआईएम के वर्करों ने चार कमरे पहले से बुक कराने का दावा किया। भीड़ देख होटल मैनेजमेंट ने कमरा खोलने से इनकार दिया। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के चलते कमरा खोलना मुमकिन नहीं हैं। करीब 15 मिनट ओवैसी ने होटल की लॉबी में इंतजार किया।
मुरादाबाद में कार्यक्रम के बाद ओवैसी एक फाइव स्टार होटल में पहुंचे। यह होटल एक बीजेपी नेता का हैं। उनके साथ बिना मास्क लगाए वर्करों की भीड़ थी। भीड़ घुसते ही होटल प्रबंधन ने कोरोना गाइडलाइन का हवाला देकर कमरा खोलने से मना कर दिया। बाद में ओवैसी चले गए। मुरादाबाद और संभल में मुसलमानों की तादाद खासी हैं। यहां मोदी मैजिक भी बेसर रहा था। लोकसभा चुनाव में बिजनौर, नगीना, अमरोहा, संभल, रामपुर, मुरादाबाद से विपक्ष के एमपी जीते थे। विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को यहां मायूसी मिली थी। इस इलाके को एसपी-बीएसपी का गढ़ माना जाता हैं। ओवैसी का फोकस मुरादाबाद के साथ मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़ मंडल पर भी हैं। जानकारों का कहना है कि ओवैसी की एंट्री से सियासी समीकरण गरमाएगा। ओवैसी 2017 के विधानसभा चुनावों में एसपी की मुश्किलें बढा चुके हैं। अब 2022 की दस्तक को देखकर सपा में बेचैनी हैं।
इन सात विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटरों की तादाद 50 प्रतिशत पार है। संभल में करीब 77 प्रतिशत, असमोली में 50 प्रतिशत, कुंदरकी में 70 प्रतिशत, बिलारी में 54 प्रतिशत, मुरादाबाद देहात 75 प्रतिशत, ठाकुरद्वारा 74 प्रतिशत और कांठ में 55 फीसदी मुस्लिम है। एआईएमआईएम ने कांठ में 2017 प्रत्याशी उतारा था। इसका फायदा बीजेपी को मिला था। ओवैसी के कैंडिडेट को करीब 23 हजार वोट मिले थे। बीजेपी के राजेश कुमार चुन्नू ने 76 हजार वोट मिले थे। एसपी प्रत्याशी अनीसुर्रहमान करीब ढाई हजार वोट से हार गए थे। संभल से एसपी सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि ओवैसी की यूपी में सक्रियता मुसलमानों का नुकसान करेगी। ओवैसी जितने भी वोट काट पाएंगे, मुसलमानों के वोट काटेंगे। इसेस बीजेपी को फायदा पहुंचेगा।