
भिंड में एक मासूम बेटे ने अपने मां-पिता का उजड़ता हुआ घर बचा लिया। अटेर के बलारपुरा गांव में रहने युवक का पत्नी से मनमुटाव चल रहा था। दोनों के बीच दूरियां इतनी बढ़ चुकी थीं, अलग होने की नौबत आ गई। मामला महिला पुलिस थाने पहुंचा। थाना प्रभारी रत्ना जैन ने पति-पत्नी दोनों को परामर्श के लिए थाने बुलाया।
महिला गोद में नवजात बेटे को लेकर आई। यहां DSP पूनम थापा और थाना प्रभारी रत्ना जैन ने पति-पत्नी दोनों को समझाइश दी। कहा- अपने मासूम बच्चे के बारे में सोचो। मासूम बेटे का चेहरा देखकर पति-पत्नी दोनों का दिल पसीज गया। दोनों ने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को फूल माला पहनाई और हमेशा साथ रहने के लिए कसम खाई।
अटेर के बलारपुरा गांव निवासी 25 वर्षीय भीमसेन नरवरिया की शादी मेहगांव के आलमपुर गांव निवासी संगीता सिंह से 8 जून 2019 को हुई थी। शादी के 3 माह बाद ही दोनों के बीच अनबन रहने लगी। भीमसेन ने पुलिस को बताया, घर में संगीता से कोई कुछ कहता, तो बात उसके मायके तक पहुंचती। मायके वाले गांव आते और बात इतनी बढ़ती कि वह संगीता को अपने साथ ले जाते।
यह स्थिति हर 10 से 15 दिन में होने लगी। तीन माह पहले भी दोनों में अनबन हुई। संगीता अपने मायके चली गई। इस दौरान संगीता गर्भवती थी। मायके में ही उसने बेटे को जन्म दिया। भीमसेन और संगीता में दूरियां इतनी बढ़ गई थीं कि नौबत अलग होने की थी। ऐसे में भीमसेन की ओर से पुलिस में आवेदन भी दिया गया था। इसी आवेदन पर महिला थाने की ओर से भीमसेन और उनकी पत्नी संगीता को बुलाया गया था।
गोद में बेटे का चेहरा देखा तो भूल गया झगड़ा
शुक्रवार को दोनों महिला थाने आए। यहां संगीता गोद में मासूम बेटे को लेकर आई थी। DSP थापा और थाना प्रभारी जैन ने दोनों को समझाया। इस दौरान दोनों ने मासूम बच्चे का चेहरा देखा। इसके बाद दिलों में एक-दूसरे के लिए बढ़ी नफरत और गिले-शिकवे मिटाकर दोनों फिर से एक हो गए। पुलिस के सामने दोनों ने अपने बच्चे के लिए जीवनभर एक-दूसरे के साथ रहने और साथ निभाने का वादा किया। इस तरह से गोद में रहे मासूम बच्चे ने अपनी मां और पिता को मिलाकर एक करा दिया।