जबलपुर  दिल्ली के जालसाजों ने जबलपुर के एक दवा कारोबारी को 1.40 करोड़ रुपए की चपत लगा दी। जालसाजों ने दवा कारोबारी को दो करोड़ की न्यू मॉडल मर्सिडीज 1.40 करोड़ रुपए में दिलाने का झांसा दिया था। इस ठग गिरोह ने देश भर के कई लोगों को इसी तरह की लाखों की चपत लगाई है। व्यवसायी को पैसे देने के बाद भी कार नहीं मिली तो वह जालसाज के बताए पते पर पहुंचा। तब उसकी असलियत सामने आई। मामले में गोरखपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच में लिया है।

गोरखपुर पुलिस के मुताबिक, आदर्श नगर ग्वारीघाट रोड निवासी नरेश माधवानी का BMW फार्मेको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एटलटिस फार्मूलेसन के नाम से थोक दवा का व्यवसाय है। उन्हें महंगी कारों का शौक है। उन्होंने अपनी कार बेचने के लिए कारवाला डॉटकॉम बेवसाइट पर विज्ञापन दिया था। इसे देखकर नई दिल्ली निवासी दीपक कुमार बैठा ने संपर्क किया। उसने बताया, उसका दिल्ली में एडवांस कार स्टूडियो नाम से महंगी कारों के सेकेंड हैंड का बिजनेस है। वह अच्छी कंडीशन वाली गाड़ियों लोगों को कम पैसे में दिलवाता है। नरेश माधवानी उसके झांसे में आ गए। आरोपी ने उनकी कार बिक्री में मदद की थी। इससे उनका भरोसा और बढ़ गया।

जालसाज ने महंगी कार सस्ते में दिलाने का झांसा देकर फंसाया

दिसंबर 2020 में दीपक बैठा ने नरेश को कॉल कर बताया कि मुंबई की एक पार्टी दो करोड़ की कीमत वाली न्यू मॉडल मर्सिडीज 506 डेढ़ करोड़ रुपए में बेच रहा है। कार अच्छी कंडीशन में है और दो महीने पुरानी है। नरेश उसकी बातों में फंस गए। उन्होंने कार खरीदने की इच्छा व्यक्त की। सौदा 1.40 करोड़ रुपए में तय हुआ। एडवांस देकर गाड़ी बुक कराने की बात दीपक बैठा ने की। बताया कि वह मुम्बई जा रहा है। जबलपुर में वह उससे मिलकर 10 लाख रुपए ले लेगा। बाद में दीपक और उसका साथी नरेश उसके घर आए और 10 लाख रुपए लेकर गए।

दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच ली थी तय रकम

नरेश माधवानी के मुताबिक, आरोपी ने दिसंबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच उससे RTGS और घर आने पर नकदी के तौर पर कुल 1.40 करोड़ रुपए ले लिए। वह आखिरी बार 31 मार्च 2021 को फ्लाइट से जबलपुर आया था। वह शहर के सबसे महंगे होटल विजन महल में रुका था। उस समय 29 लाख 87 हजार रुपए रह गए थे। पैसे देते समय उसके परिचित सुरेश खत्री भी मौजूद थे। बिना किसी ठोस पहचान के इतनी बड़ी रकम देने पर उन्होंने उसे सर्तक भी किया था।

तब आरोपी दीपक भड़कते हुए अपना वोटर आईडी कार्ड, विजिटिंग कार्ड की फोटो प्रति देते हुए बोला था कि वह ऐसा-वैसा आदमी नहीं है। उसकी दिल्ली में प्राइवेट लिमिटेड फर्म है। फ्लाइट से आना-जाना होता है। वह फ्लाइट से ही जबलपुर भी आया है। उसकी आईडी भी विजन महल में जमा है। इस पर विश्वास करते हुए रकम दी थी।

कार नहीं मिलने पर उसके बताए पते पर पहुंचा, तब हुआ खुलासा

नरेश माधवानी के मुताबिक, पूरे पैसे लेने के बाद भी उसे कार नहीं मिल पाई। जब भी दीपक बैठा को फोन करता तो वह लॉकडाउन का हवाला देकर बात टाल देता था। बोलता था कि लाॅकडाउन समाप्त होते ही कार पहुंच जाएगी। लॉकडाउन के बाद भी गाड़ी नहीं मिलने पर 9 जून को वह साथी इंदरजीत सिंह के साथ फ्लाइट से दिल्ली गया। वहां आरोपी दीपक बैठा के बताए गए पते पर पहुंचा। उसके घर पर ताला लगा था। वहां एक सुरक्षा गार्ड मिला। बताया कि दीपक ने इसी तरह देश भर में कई लोगों को ठगा है।

फर्जी दस्तावेज और बदले हुए नाम से लोगों को झांसे में फंसाता है गिरोह

वह लोगों को अपने पहचान पत्र, पेन कार्ड, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र दिखाकर अलग-अलग नामों से ठगी करता है। अब तक सैकड़ों लोगाें से करोड़ रुपए आरोपी ठग चुका है। आरोपी अपना लोकेशन भी छिपाकर विदेशों में होने का लोकेशन बताता है। मामले में एसपी के निर्देश पर सीएसपी गोरखपुर ने प्रकरण की जांच की। जांच में मामला सच मिलने के बाद पुलिस ने दीपक और उसके साथी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच में लिया है।