इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इयान बॉथम ने खिलाड़ियों को आराम देने के लिए बनी रोटेशन नीति की कड़ी आलोचना करते हुए इसे बेकार बताया है। यहां तक कि बॉथम ने इस नीति को कचरा तक करार दिया है। इस महान ऑलराउंडर ने कहा कि रोटेशन नीति के कारण ही हम सही खिलाड़ियों को चयन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मैं क्रिकेट खेल रहा होता, तो शायद ही ये पसंद करता कि कुछ टेस्ट मैच में अच्छे प्रदर्शन के बाद कोई मुझे कहता है कि अब तुम आराम करो।बॉथम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन के लिए भी टीम को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि 75 ओवर में 273 रन के लक्ष्य का पीछा करने के बजाए लॉर्ड्स टेस्ट में ड्रॉ के लिए खेलने का फैसला टेस्ट क्रिकेट के लिए किसी भी सूरत में अच्छा नहीं कहा जा सकता। साथ ही कहा कि इस सीरीज में मेजबान टीम के पास बेहतर प्रदर्शन कर न्यूजीलैंड को हराने का अच्छा मौका था पर उसने प्रयास तक नहीं किया जबकि कोरोना महामारी के कारण लोगों को काफी समय के बाद स्टेडियम में खेल देखने का अवसर मिला था।
इसके बाद भी इंग्लैंड ने आखिरी पारी में जीतने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि उनके पास जोस बटलर और बेन स्टोक्स नहीं खेल रहे थे। इन दोनो को ही रोटेशन नीति के कारण आराम दिया गया था हालांकि यह कोई बहाना नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे में कई युवा खिलाड़ियों के पास आगे आकर बेहतर प्रदर्शन का अवसर था। इससे पहले भी कई दिग्गज खिलाड़ियों ने रोटेशन नीति की कड़ी आलोचना की थी। टेस्ट कप्तान जो रुट ने तो यहां तक कहा है कि अब इस नीति को समाप्त करने का समय आ गया है। इससे पहले पूर्व कप्तान माइकल वान और नासिर हुसैन ने भी रोटेशन नीति की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे श्रेष्ठ टीम नहीं उतारी जा सकती। वहीं इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रुट ने कहा है कि भारत के साथ टेस्ट सीरीज के साथ ही एशेज में सर्वश्रेष्ठ टीम उतरने के लिए रोटेनशन नीति को समाप्त करना जरुरी है।