राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के DNA वाले बयान पर वरिष्ठ कांग्रेसी और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, ‘अगर हिंदुओं और मुसलमानों का DNA एक ही है, तो धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने का क्या फायदा है? लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की क्या जरूरत थी? इसका मतलब है कि मोहन भागवत और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का DNA भी एक ही है।’ सिंह ने यह बयान मध्यप्रदेश के सीहोर में बुधवार देर रात एक श्रद्धांजलि सभा के बाद पत्रकारों के सवाल पर दिया।
दोनों को एक सिक्के के दो पहलू बताया
एक दिन पहले दिग्विजय सिंह ने एक खबर की कटिंग को ट्वीट करके मोहन भागवत और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को एक-दूसरे का मददगार बताया था।
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने RSS चीफ के DNA वाले बयान को गलत ठहराया
उधर, पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के DNA वाले बयान को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत का DNA वाला बयान अनुकूल नहीं है। RSS चीफ मोहन भागवत दो दिन से चित्रकूट में हैं। बुधवार को वह पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज से शिष्टाचार भेंट करने के लिए तुलसी पीठ आश्रम गए थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक के बाद रामभद्राचार्य ने भागवत के बयान को गलत ठहराया था।
यह कहा था भागवत ने
मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से हुए कार्यक्रम में कहा था कि देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता भ्रामक बात है, क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक ही हैं। पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता है। भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक ही है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। जो हिंदू ये कहता है कि यहां मुस्लिम नहीं रह सकते हैं, तो वो शख्स हिंदू है ही नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के विरुद्ध हैं। गाय पवित्र जानवर है, लेकिन उसके बहाने किसी की जान लेना हिंदुत्व के खिलाफ है।